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Rewa GEC: अब IIT और NIT के लेवल में होगी इंजीनियरिंग कॉलेज की गिनती
रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज का स्तर अब और भी बढ़ गया है। GEC अब IIT और NIT के लेवल का कॉलेज हो गया है। दरअसल महाविद्यालय की 3 ब्रांच को नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रीडिएशन ( NBA ) ने मान्यता दे ही है। इसी के साथ कॉलेज के विकास के सभी रस्ते भी खुल गए हैं। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि इंजीनियरिंग कॉलेज पिछले 2 साल से NBA टीम के आने का इंतज़ार कर रहा था। लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी के चलते टीम नहीं आई लेकिन इस साल अगस्त के महीने में 4 अधिकारी कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए आये थे। जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन की मेहनत रंग लाई और 3 ब्रांचेस को NBA ने मान्यता देदी।
जिस तरह डिग्री कॉलेजों में NAAC की मान्यता मिलती है उसी तरह तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में NBA की मान्यता दी जाती है। विंध्य के एक मात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज को NBA की मान्यता मिल जाना गौरव की बात है। इससे कॉलेज में मास्टर्स कोर्स शुरू होने और महाविद्याल को मानध विश्वविधायल बनने की उम्मीद भी बढ़ जाती है।
पिछले महीने आई थी टीम
NBA की आठ सदस्यीय टीम द्वारा दिनांक 27 अगस्त से 29 अगस्त तक महाविद्यालय की ऑफ़लाइन और आनलाइन विज़िट कर सम्पूर्ण संसाधनो, प्रयोगशालो, प्राध्यापकों की गुणवत्ता , पूर्व छात्रों सहित वर्तमान स्टूडेंटन्स से क्वालिटी एवम् फ़ीड्बैक की गहन जाँच की थी। राष्ट्रीय तकनीकी संस्थाओ की तर्ज़ पर विश्लेषण करते हुए महाविद्यालय की तीन ब्रांचो सिविल इंजीनियरिंग , मैकेनिकल इंजीनियरिंग एवम् इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को NBA द्वार प्रमाणित कर सफल घोषित किया है.
स्थापना के 57 बाद मिली मान्यता
गौरतलब है कि महाविद्यालय के प्राचार्य डा बी के अग्रवाल के परिश्रम एवं महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों , टेकनिकल स्टाफ़ एवम् कर्मचारियों की मेहनत के कारण महाविद्यालय इतिहास के 57 वर्षों के पश्चात ये सफलता प्राप्त हुई है. महाविद्यालय को सत्र 2023 तक तीन ब्रांचो के लिए NBA प्रदान किया गया है। महाविध्यालय को NBA प्राप्त हो जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आइ आइ टी , एन आइ टी जैसी तकनीकी संस्था की भाँति महविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने के पश्चात छात्र / छात्रायें प्रत्येक तकनीकी कसौटी पर सफल होने के साथ साथ महाविद्यालय को देश के प्रमुख शिक्षा संस्थान के रूप में गिना जाएगा।
खुलेंगे विकास के द्वार
NBA मिलने से महाविद्यालय को प्राप्त होने वाले अनुदानों एवं सुविधाओं में वृद्धि होगी। महाविद्यालय को मिली इस सफलता पर प्राचार्य डॉ बी के अग्रवाल ,डॉ आर पी तिवारी (विभागाध्यक्ष सिविल ) , डॉ एस डी शर्मा ( पूर्व विभागाध्यक्ष मैकेनिकल ) , डॉ अभय अग्रवाल , प्रो ए बी सरकार ( विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रिकल) , डॉ आर के जैन ( समन्वयक NBA वर्क ) डॉ डी के जैन ,डॉ सन्दीप पांडेय , डॉ उत्तम द्विवेदी , डॉ पंकज श्रीवास्तव, प्रो ए के बुचके , डॉ ए के दोहरे , प्रो अर्चना ताम्रकर सहित समस्त प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्र छात्राओं ने प्रसन्नता व्यक्त की है
रीवा इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा के सभी प्राध्यापकों के टीम वर्क ( विशेषकर टेक्यूप सहायक प्राध्यापकों के अथक परिश्रम )से महाविद्यालय को 57 वर्षों के पश्चात मिली इस गौरवशाली उपलब्धि की पर विंध्य का इकलौता शासकीय महाविद्यालय परिवार गौरवान्वित है. यह सफलता महाविद्यालय के इतिहास के पन्नो में स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाएगी ( डा बी के अग्रवाल , प्राचार्य , रीवा इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा )