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रीवा: प्रधान आरक्षक पिता के रिटायरमेंट के बाद DSP बेटे-बहू ने सैल्यूट किया, सेवाकाल में 5 बार किया था बेटे को सैल्यूट
रीवा / सिंगरौली / जबलपुर: एक पिता की चाहत होती है कि उसका बेटा- बेटी ऊंचाईयों को छुए और जब यह तमन्ना पूरी होती है तब सोचिए कि उस पिता को कितनी खुशी मिलती होगी। एमपी पुलिस के प्रधान आरक्षक भरत पाठक सिविल लाइंस थाना से 31 मार्च को रिटायर होकर गृहग्राम बम्हौरी पहुंचते तो अगुवाई में खड़ा डीएसपी बेटा राजीव पाठक (DSP Rajeev Pathak) और बहू हिमाली पाठक (DSP Himali Pathak) ने सैल्यूट किया।
वर्ष 1986 में GRP में आरक्षक के पद पर भरत पाठक नियुक्त हुए। अपनी सेवाएं उन्होंने जबलपुर में दी। इसके बाद 2005 में वे जिला पुलिस बल में आ गए। जबलपुर के ओमती, लाडगंज कोतवाली में आरक्षक के पद पर रहकर सेवाएं दी। वर्ष 2012 में प्रधान आरक्षक बने। वे हमेशा पुलिस की नौकरी करते हुए सोचा करते थे कि वह कौन सा दिन आएगा कि उनका बेटा पुलिस का अधिकारी बने और मैं उसे सैल्यूट करूं। जिस दिन सैल्यूट करूंगा वह मेरे लिए वही सबसे सौभाग्य वाला दिन होगा।
आखिरकार वह दिन वर्ष 2016 में आया कि उनका बड़ा बेटा पहली ही बार PSC की परीक्षा में पास होकर DSP बन गया। डीएसपी बनने के दौरान पिता-पुत्र की ड्यूटी के दौरान मुलाकातें होती रहीं। दोनों एक साथ तो कभी किसी थाने में नहीं रहे लेकिन किसी व्हीआईपी ड्यूटी में जरूर मिलते रहे।
घर के बाहर खड़े थे
सेवानिवृत्त होने की तिथि भरत पाठक की तय थी। 36 से 37 साल नौकरी करने वाले भरत पाठक वर्दी उतार कर अपने घर पहुंचे थे। शरीर में सादे कपड़े थे। परिवार के लोग उनको अगुवाई में खड़े थे बेटा राजीव पाठक और हिमाली दोनों सिंगरौली से आए हुए थे।
उन्होंने बताया कि जैसे ही मैं घर पहुंचा बेटा और बहू दोनों से सैल्यूट किया तो मेरे खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि अब मैं परिवार और बच्चों के बीच ही अपनी दिनचर्या को नियमित रूप से संचालित करुंगा। उन्होंने बताया कि पहले बेटा डीएसपी हुआ और मुझे वर्ष 2020 में डीएसपी बहू भी मिल गई। अब इससे ज्यादा मेरी त्याग, तपस्या का ईनाम क्या हो सकता है? ज्ञात हो कि भरत पाठक के दो पुत्र हैं। एक संजीव पाठक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो बेटी सची पाठक एक कंपनी की डायरेक्टर है।
मैंने पांच बार सैल्यूट किया
सेवानिवृत्त प्रधान आरक्षक भरत पाठक ने बताया कि बेटे राजीव को मैने बेकरीकाल में पांच बार इयूटी के दौरान यूट किया सैल्यूट के दौरान वह मुस्कुरा देता उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट जबलपुर में इयूटी थी वहां डीएसपी बेटा मिला। उसकी पोस्टिंग सिंगरौली में है, सिगरौली में भी व्हीआईपी ड्यूटी करने गया और तब मिला तो सैल्यूट किया। कुल 5 बार उसका सैल्यूट करने का हमे मौका मिला