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रीवा कोर्ट का फैसला: फर्जी SI और पुलिस आरक्षक को 14 वर्ष कारावास की सजा

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रीवा। फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर वसूली करने वाले आरोपी को रीवा कोर्ट द्वारा 14 वर्ष का कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

रीवा। फर्जी सब इंस्पेक्टर (Fake SI) बनकर वसूली करने वाले आरोपी को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला एवं सत्र न्यायालय रीवा द्वारा 14 वर्ष का कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वहीं फर्जी पुलिस आरक्षक (Fake Police Constable) बनें एक अन्य आरोपी को 8 वर्ष के कारावास की सजा दी है।

प्रकरण की पैरवी कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक नीलग्रीव पाण्डेय के अनुसार, प्रकाश चौराहे पर ड्यूटी के दौरान थाना सिटी कोतवाली पुलिस को ज्ञात हुआ कि एक नए सब इंसपेक्टर, दो नए आरक्षक को चेकिंग कर सम्मन शुल्क वसूल रहे है। जिस पर आरोपी मनीष चौबे पिता बीरेन्द्र चौबे (30) निवासी मझियार पटना बैकुंठपुर एवं रिपुदमन पाण्डेय पिता सुरेन्द्र पाण्डेय (39) नवासी वार्ड 43 हनुमान के खिलाफ थाना सिटी कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध किया गया।

14 वर्ष 10 माह का कारावास

प्रकरण न्यायालय में विचारण दौरान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव सिंघल ने आरोपी मनीष चौबे व आरोपी रिपुदमन पाण्डेय के विरुद्ध आरोप प्रमाणित पाये जाने पर दण्डित किया और एक अन्य आरोपी अजय सिंह को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त किया गया। जिसमें मनीष चौबे को 14 वर्ष 10 माह का कारावास एवं 11 हजार रुपए अर्थदण्ड से एवं आरोपी रिपुदमन को अपराध प्रमाणित पाते हुए अलग-अलग में 8 वर्ष 10 माह का कारावास एवं 7 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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