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रीवा कलेक्टर ने सिरमौर में पदस्थ दो कर्मचारियों को सेवा से किया पृथक, हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी; रिकवरी के भी आदेश
Rewa News: कलेक्टर रीवा ने दो कर्मचारियों को बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया है। इन दोनों कर्मचारियों के कारण ही कलेक्टर को हाईकोर्ट की फटकार झेलनी पड़ी थी। इन दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद ही अब तक किए गए भुगतान की वसूली के भी निर्देश दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि सिरमौर तहसील में दो खंडलेखक पर राजेश प्रसाद पाण्डेय और सत्येन्द्र सिंह को कार्यालयी आदेश के तहत 22 सितंबर 2009 को अनियमितता एवं घोर लापरवाही के कारण सेक्शन राइटर के पद से पृथक किया गया था। इसके विरुद्ध दोनों खंडलेखक उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 3601/2010 दायर की गई। इसमें पारित आदेश दिनांक 26 मई 2010 को उनकी सेवाएं जारी रखने के संबंध में स्थगन मिल गया। इसके बाद दोनों यथावत तहसील सिरमौर कार्यालय में सेवाएं देने लगे।
याचिका क्रमांक 3601/2010 हाई कोर्ट जबलपर के आदेश दिनांक 20 अगस्त 2015 के द्वारा खारिज की गई। आदेश क्रमांक 196/तीन/स्था/ 2009 रीवा दिनांक 22 अगस्त 2009 पर प्राप्त स्थगन समाप्त हो गई। इस जानकारी को दोनों कर्मचारियों ने अधिकारियों को अवगत नहीं कराया। राजेश प्रसाद पाण्डेय व सत्येन्द्र सिंह खंडलेखक तहसील सिरमौर के द्वारा कार्यालय को अवगत नहीं कराया। मामले को छुपा कर रखा और नौकरी करते रहे। इसके बाद मामला तब सामने आया जब जबलपुर हाईकोर्ट में राजेश सिंह ने याचिका क्रमांक 8090/ 2024 दायर किया।
दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध रिकवरी के आदेश
याचिका दायर होने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। कलेक्टर की नींद टूटी। लगातार वर्ष 2015 से नौकरी पर दोनों कर्मचारी बने रहे। जब कलेक्टर को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने दोनों कर्मचारियों को नोटिस जारी किया। नोटिस का जवाब समाधानकारक नहीं मिला। इस पर दोनों कर्मचारियों को कलेक्टर ने खंडलेखक के पद से पृथक कर दिया है। इसके साथ ही दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध रिकवरी के भी आदेश दिए गए हैं। सेवा समाप्ति के बाद से अधिक भुगतान जो भी किया गया है। उसकी गणना करने के बाद दोनों से वसूली की जाएगी।
इसी प्रकरण में कलेक्टर को कोर्ट ने किया था तलब
इन दोनों कर्मचारियों के प्रकरण के मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर रीवा का लेकर गंभीर बातें कहीं थी। हाईकोर्ट ने कलेक्टर रीवा को कोर्ट में तलब होकर हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया था। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा था कि रीवा कलेक्टर स्वयं उपस्थित होकर इस मामले में हलफनामा प्रस्तुत करें और यह बताएं कि कैसे वह सेवा में बर्खास्त होने के बाद भी काम करते रहे और जज ने यह भी कहा कि इस मैटर को लोकायुक्त के पास क्यों ना भेजा जाए कि रीवा कलेक्टर की इस मामले में जांच की जाए। इसका भी हलफनामा प्रस्तुत करें। कलेक्टर की टिप्पणी के बाद ही दोनों खंडलेखकों के खिलाफ कलेक्टर ने एक्शन लिया है।