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रीवा: नशीली कफ सिरप अवैध रूप से परिवहन करने वाले 2 आरोपियों को 10-10 साल का सश्रम कारावास व 1-1 लाख रूपये का अर्थदंड
रीवा: प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रहीं लोक अभियोजक श्रीमती शशि तिवारी ने बताया कि अतिरिक्त विशेष न्यायधीश (एन.डी पी. एस. एक्ट) जिला रीवा (म०प्र०) विक्रम सिंह की अदालत में नशीली कफ सिरप के दो आरोपी (1) छोटे उर्फ नारेन्द्र सिंह चौहान पिता कमलभान सिंह चौहान उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम जमोडी खुर्द थाना जमोडी जिला सीधी (म०प्र०) (2) तथा रोहित कुमार जैयसवाल पिता शिवप्रसाद जैसवाल उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम करौदिया थाना जमोडी जिला सीधी (म०प्र०) को दस-दस वर्ष की सजा सुनाई गई है।
संक्षेप में मामला इस प्रकार है-
दिनाक 27.08.2022 को थाना हनुमना जिला रीवा (म०प्र०) को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक सफेद रंग की बेलोरो कार क्रमांक एम.पी.53 टी.ए. 2016 वाहन से अवैध रूप से नशीली कफ सिरप की खेप उत्तर प्रदेश तरफ से आने वाली है, जो हनुमना बडकुडा बार्डर से हनुमना थाना की सीमा से प्रवेश करेगी। मुखबिर सूचना पाते ही थाना हनुमना की पुलिस दल बल के साथ रवाना हुई और घेराबंदी कर उत्तर प्रदेश की तरफ से आ रही बेलोरो क्रमांक एम.पी. 53 टीए. 2016 वाहन को पकड़ा। पकड़े गये वाहन की तलाशी लेने पर वाहन की सबसे पीछे वाली सीट के पीछे पाँच खाखी रंग के कार्टून मिले। जिसमें कुल 580 शीशी कफ सिरप अवैध रूप से पाई गई। जिसमें प्रत्येक शीशी का मूल्य 120 रू का होना पाया गया। मौके पर ही दोनो आरोपियों को गिफ्तार कर प्रकरण पंजीबद्ध कर अतिरिक्त विशेष न्यायधीश (एन.डी.पी.एस.एक्ट) में चालान पेश किया गया।
जहाँ लोक अभियोजक श्रीमती शशि तिवारी ने न्यायालय में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि आरोपीगण द्वारा कारित अपराध गंम्भीर प्रकृति का है। जिससे निश्चित रूप से समाज नशे का आदी हो रहा है। इसलिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी से तथा अधिकतम सजा दी जाय। अतिरिक्त विशेष न्यायधीश विक्रम सिंह ने दोनो पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद दोनो आरोपियों छोटे उर्फ नारेन्द्र सिंह चौहान पिता कमलभान सिंह चौहान उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम जमोडी खुर्द थाना जमोडी जिला सीधी (म०प्र०) एवं रोहित कुमार जैयसवाल पिता शिवप्रसाद जैयसवाल उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम कराँदिया थाना जमोडी जिला सीधी (म०प्र०) को (एन.डी.पी.एस.एक्ट) की धारा 8 (सी) 21 (सी) के तहत दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक लाख रूपये के अर्थदंण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदंण्ड की राशि अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी पडेगी।