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एमपी के पटवारी चयन परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच करने रीवा पहुंचे रिटायर्ड जज, अभ्यर्थियों के दर्ज किए बयान
एमपी के पटवारी चयन परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच करने रिटायर्ड जज रीवा पहुंचे। यहां राजनिवास में उन्होंने सभी परीक्षार्थियों के छात्रों के वन-टू-वन बयान दर्ज किए। बता दें कि पटवारी चयन परीक्षा में कुल 8600 छात्रों का चयन व्यापमं के माध्यम से किया गया था। मध्यप्रदेश में विगत अप्रैल महीने में आयोजित की गई पटवारी चयन परीक्षा को लेकर समूचे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। 13 जून को इस परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए थे जिसमें एक ही कॉलेज के सैकड़ों छात्रों का चयन हुआ था। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के परिणाम आने के बाद इस परीक्षा पर ही सवाल खड़े कर दिए गए थे।
चयनित व शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज
मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने 13 जुलाई को आयोजित हुई परीक्षा की जांच करने के लिए टीम का गठन किया था। जिसे 31 अगस्त तक जांच प्रतिवेदन राज्य शासन को प्रस्तुत किया जाना था किंतु अब तक जांच ही पूरी नहीं हो पाई। जांच के लिए एक सदस्यीय टीम में रिटायर्ड जज को नियुक्त किया गया था। जो बुधवार को रीवा के राजनिवास पहुंचे और चयनित तथा शिकायत देने वाले युवाओं के बयान दर्ज किए। उल्लेखनीय है कि मप्र व्यापमं द्वारा अप्रैल के महीने में समूचे प्रदेश में पटवारी चयन परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा का परिणाम 30 जून को वेबसाइट में जारी किया गया।
31 अगस्त को पूरी होनी थी जांच
एमपी में पटवारी चयन परीक्षा का परिणाम खुलते ही समूचे प्रदेश में बवंडर मच गया था। बताया गया कि कई रसूखदारों के कॉलेजों में परीक्षा देने वाले छात्रों का चयन पटवारी के लिए किया गया था। जबकि अन्य कॉलेजों से एक भी छात्रों का चयन नहीं हुआ। जिसके बाद परीक्षा में बैठने वाले छात्रों ने परीक्षा पर ही सवाल खड़े किए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था। 13 जुलाई को रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में टीम गठित की गई। बताया गया है कि 31 अगस्त को जांच पूरी होनी थी लेकिन अभी आधा भी काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में जिन छात्रों का पटवारी के लिए चयन हो चुका है वह परेशान हैं। उनका कहना है कि अगले महीने अधिसूचना जारी हो जाएगी और जांच पूरी नहीं होने से उनका भविष्य गर्त में चला जाएगा।
रीवा संभाग के छात्र भी हुए थे शामिल
पटवारी चयन परीक्षा में रीवा संभाग के छात्र शामिल हुए थे। जिन छात्रों का चयन हो गया वह अब नियुक्ति के लिए इंतजार कर रहे हैं और जिनका चयन नहीं हुआ वह जांच कराकर परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि चयनित छात्रों का कहना है कि यदि समय पर जांच पूरी हो जाती है तो उनके लिए शासन स्तर से ज्वाइनिंग के निर्देश जारी किए जा सकेंगे अन्यथा उनका भविष्य संकट में पड़ जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि व्यापमं द्वारा आयोजित की गई कई परीक्षाओं में धांधली किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अब शिकायत करने वाले छात्रों को आयोजित परीक्षा पर ही संशय बन गया है। रीवा राजनिवास में परीक्षार्थियों के बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे रिटायर्ड जज ने सभी छात्रों के वन-टू-वन बयान दर्ज किए। शिकायतकर्ता हरिश्चन्द्र तिवारी ने बताया कि आयोजित परीक्षा में जमकर धांधली की गई है। एक ही कॉलेज के कई छात्रों का चयन किया गया है। जांच पूरी होने के बाद मामला स्पष्ट हो सकेगा।