रीवा

राजवैद्य ने किया भगवान जगन्नाथ का इलाज: कल रीवा भ्रमण पर निकलेंगे जगत के नाथ, भक्तों को दर्शन देंगे

राजवैद्य ने किया भगवान जगन्नाथ का इलाज: कल रीवा भ्रमण पर निकलेंगे जगत के नाथ, भक्तों को दर्शन देंगे
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जगन्नाथ यात्रा: रीवा में इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकलेगी। 7 जुलाई को भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे। रथयात्रा का आयोजन लक्ष्मणबाग मंदिर से किया जाएगा।

मध्यप्रदेश के रीवा में इस वर्ष ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकलेगी। विगत वर्ष रीवा राजघराने के राजगुरु श्री श्री 1008 श्री हरिवंशाचार्य जी महाराज के ब्रम्हलीन होने के कारण रथयात्रा कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। अब इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकालने की तैयारी आरम्भ हो गई है।

बता दें कि इसके पहले कोरोनाकाल में वर्ष 2020 और 2021 में ऐतिहासिक रथयात्रा परम्परा अनुसार नहीं निकल सकी थी। फिर 2022 में निकली और 2023 में पुनः स्थगित हो गई। अब वर्ष 2024 में ऐसा कोई व्यवधान नहीं है। लिहाजा श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ रथयात्रा में शामिल होने आतुर हैं।

स्वस्थ हुए जगत के नाथ, भक्तों का हाल जानने शहर भ्रमण में निकलेंगे

जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ स्वस्थ हो गए हैं। भगवान का श्रृंगार किया जायेगा। इसके साथ ही बलदाऊ व सुभद्रा का भी श्रृगांर होगा। गौरतलब है कि परम्परा के अनुसार ज्येष्ठ माह समाप्त होते ही भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों के पानी से महास्नान कराया जाता है, जिससे उन्हें लू लग जाती है। फिर बीमार भगवान का इलाज राजवैद्य द्वारा किया जाता है, जो शुक्रवार तक चला। अब पंद्रह दिन इलाज और आराम करने के बाद भगवान भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर 7 जुलाई को निकलेंगे। जगत के नाथ भक्तों का हाल जानने रथ में सवार होकर बलभद्र और बहन सुभद्रा संग नगरवासियों को दर्शन देंगे।

भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा लक्ष्मणबाग मंदिर से निकलकर शहर भ्रमण करेगी और रात्रि विश्राम मानस भवन में होगा। तत्पश्चात अगली सुबह भण्डारा प्रसाद वितरण उपरांत यात्रा एसएएफ चौराहा होते हुए वापस लक्ष्मणबाग मंदिर पहुंचेगी, जहां पुनः भण्डारा का आयोजन किया जायेगा।

मानस भवन में विश्राम करेंगे

मानस मंडल के सदस्यों ने भगवान जगन्नाथ स्वामी को मानस भवन में रात्रि विश्राम एवं 8 जुलाई को भक्तों द्वारा पूजन, आरती, 56 भोग प्रसाद ग्रहण करने एवं भंडारा आयोजन हेतु आमंत्रित किया। समिति सदस्यों ने सभी नगरवासियों से रथयात्रा में शामिल होने एवं भण्डारा प्रसाद ग्रहण करने की अपील की है। संस्थान की ओर से पंडित दीनानाथ शास्त्री ने पूजा अर्चना संपन्न कराई एवं सहर्ष आमंत्रण को स्वीकार किया। इस दौरान अध्यक्ष सुभाष बाबू पाण्डेय, उपाध्यक्ष पीयूष त्रिवेदी, सचिव अशोक तिवारी, संरक्षक सदस्य डी.पी. सिंह, सहसचिव रामसुशील गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य राममणि मिश्रा, सदस्य पवन तिवारी सदस्य अवधेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

184 वर्ष पुरानी परम्परा

उल्लेखनीय है कि लक्ष्मणबाग मंदिर की यह परम्परा पिछले 184 वर्षों से निरंतर चली आ रही है। तत्कालीन रीवा रियासत के महाराजा भाव सिंह ने लक्ष्मण बाग मंदिर का निर्माण कराकर पुरी की तर्ज में रथ यात्रा का शुभारंभ किया था, तब से अब तक हर वर्ष रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। बघेलखण्ड के महाराज रघुराज सिंह के समय रथ को रस्से के सहारे हाथ से स्वींचने की परम्परा रही। अब ट्रैक्टर के सहारे भगवान का रथ नगर भ्रमण पर निकलता है। रथयात्रा के समय जगह-जगह विशेष आतिशबाजी व भव्य प्रसाद वितरण होता रहा। इस वर्ष पुनः यूमधाम से नगर में रथयात्रा निकालने की तैयारी जारी है।

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