रीवा

बे मौसम हुई बरसात, किसान चिंतित, किसानी प्रभावित

रीवा ( Rewa News in Hindi) : बे मौसम हुई बरसात ने एक ओर जहां किसानी प्रभावित कर दी है। तो वहीं बिगडे मौसम को देखकर किसान परेशान हैं। किसानों के माथे पर ंिचता की लकीरे साफ दिख रही हैं। जिले में गुरवार को दोपहर करीब 2 बजे आसमान बादलों से घिर गया। देखते ही देखते आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। जिले में कई जगह तेज आंधी चलने की जानकारी मिल रही है तो वहीं रूक-रूक कर करीब आधे घंटे तक बारिश हुई। ऐसे में मौसम में ठंडक जरूर आ गई है लेकिन पानी गिर जाने से फासलों की कटाई प्रभावित हो गई है।

रीवा ( Rewa News in Hindi) : बे मौसम हुई बरसात ने एक ओर जहां किसानी प्रभावित कर दी है। तो वहीं बिगडे मौसम को देखकर किसान परेशान हैं। किसानों के माथे पर ंिचता की लकीरे साफ दिख रही हैं। जिले में गुरवार को दोपहर करीब 2 बजे आसमान बादलों से घिर गया। देखते ही देखते आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। जिले में कई जगह तेज आंधी चलने की जानकारी मिल रही है तो वहीं रूक-रूक कर करीब आधे घंटे तक बारिश हुई। ऐसे में मौसम में ठंडक जरूर आ गई है लेकिन पानी गिर जाने से फासलों की कटाई प्रभावित हो गई है।

मौसम में घुली ठंडक

विगत कई दिनों से सूर्य देवता के तेवर कडे हो गये थे। दोपहर तथा रात के समय तेज गर्मी महशूस की जा रही थी। पंखे की गर्म हवा से लोगों का बुरा हाल हो रहा था तो वही दोपहर के समय हुई बारिश में ठंड घल जाने से लोगों ने राहत की सांस ली।

कटाई हुई प्रभावित

एक ओर जहां मौसम में ठंडक लोगों को राहत दे रही है। गरूवार दोपहर बारिश की वहज से गेहूं के फसल की कटाई प्रभावित हुई है। कई जगह तेज आधी में खेतो में कटी गेहूं की फसल दूर तक उड़ कर दूसरे के खेत में जा पहुंची। दूसरे के खेत उड़कर पहुंची फसल लेने गये किसनो के बीच विवाद भी होन की जानकारी मिली है।



किसनों के माथे पर साफ दिख रही चिंता

मौसम के बिगडे मिजाज से किसान चिंतित हैं। तेज आधी के साथ बारिश हुई है। वहीं किसानों के मन में ओले की चिंता सता रही है। अगर जल्दी ही मौसम नहीं खुला तो बारिश तथा आले का संकट बरकरार माना जा रहा है। बदले मौसम की वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे साफ देखी जा सकती है। किसानो का कहना है कि अगर मौसम बिगड़ा तो उनकी पूरी कमाई लुट जायेगी।

खलिहान में रखी फसलों के खराब होने का डर

गुरूवार दोपहर हुई बारिश में सबसे ज्यादा नुक्सान खलिहान में रखी फसलों का होगा। बताया जाता है कि गेहूं तथा चना की फसल कई जगह कटकर खलिहान पहुंच चुकी है। पानी गिरने से खलिहान में रखी फसलों में पानी नीचे तक प्रवेश कर जाता है। ऐसे में फसलों के सड़ने तथा अनाज के रंग में परिवर्तन हो कर काला पड़ जाता है।

समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रभावित

पहले ही मौसम खराब होने से समर्थन मूल्य पर खरीदी की तारीख कई बार बदली गई थी। वहीं हाल के दिनों में खरीदी तो शुरू कर दी गई लेकिन गुरूवार को हुई बारिश इसे प्रभावित करेगी। आम तौर देखा गया है कि फसलों में पानी पडने के बाद नमी बढ़ जाती है।

Next Story