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रीवा के देवतालाब एवं सतना के रैगांव विधायक ने बनाया ऐसा दबाव कि अफसर ने जारी कर दिया अनोखा आदेश
सतना/रीवा। भ्रष्टाचारियों पर भले ही सरकार कितना भी शिकंजा कस ले परन्तु सरकार के ही नुमाइंदगी करने वाले इन्हे बचाने के लिए सामने भी आ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला कृषि विभाग से सामने आया है, जहाँ एक निलंबित अधिकारी को बहाल कराने के लिए विधायकों ने अधिकारियों पर दबाव डाला। अब विधायक जी की बात कैसे टाल सकते है, इसलिए बहाली का अनोखा आदेश भी जारी हो गया। जहाँ रीवा के देवतालाब से भाजपा विधायक गिरीश गौतम एवं सतना के रैगांव भाजपा विधायक जुगुल किशोर बागरी के नाम एवं मोबाइल नंबर आदेश में लिखकर दबाव देने की बात लिखी गई। हांलाकि इस आदेश के बाद खुद संयुक्त संचालक सवालों के घेरे में आ गए हैं।
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास सतना में बतौर कृषि विकास अधिकारी परषोत्तम बागरी को अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। बागरी पर आरोप था कि बीज एवं उर्वरक के निलंबित लाइसेंसों को जिला स्तर से बहाल किए जाने से संबंधित अभिलेखों का अवलोकन नहीं करा रहे थे। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय अनुविभागीय कृषि अधिकारी उप संभाग रीवा नियत किया गया था। निलंबन के बाद बागरी ने राजनीतिक शरण ली और दबाव बनवाना शुरू कर दिया। इसके बाद ही संयुक्त संचालक ने यह अनोखा आदेश जारी किया है।
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यह लिखा आदेश में
बहाली आदेश में संयुक्त संचालक ने लिखा कि निलंबित कृषि विस्तार अधिकारी परषोत्तम बागरी को आरोप पत्र जारी कर 15 दिन में जवाब चाहा गया लेकिन आज तक जवाब नहीं दिया गया। बल्कि बागरी ने निलंबन से बहाल करवाने के लिए विधायक रैगांव जुगुल किशोर बागरी एवं विधायक देवतालाब गिरीश गौतम से फोन करवाकर अपने वरिष्ठ प्राधिकारी पर राजनीतिक प्रभाव डलवाकर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन किया है। इसलिए उनकी सन्निष्ठा संदेहास्पद होने से कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण सतना में बीज उर्वरक एवं कीटनाशी गुण नियंत्रण संबंधी अभिलेखों में हेराफेरी की पूरी संभावना है। ऐसे में निलंबन से बहाल कर पूर्ववत कार्यालय में पदस्थ करना उचित नहीं है। उन्हें निलंबन से बहाल कर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकास खंड अमरपाटन में पदस्थ किया जाता है। निलंबन काल का निर्णय विभागीय जांच के उपरांत किया जाएगा।
विधायकों के नाम-नंबर सहित जारी किया शो-कॉज
निलंबन बहाली आदेश के साथ ही संयुक्त संचालक कृषि ने बागरी को एक नोटिस भी जारी किया है। इसमें दोनों विधायकों के नाम, मोबाइल नंबर और फोन करने का समय उल्लेखित किया है। शो-कॉज में कहा कि सतना के विधायक रैगांव जुगुल किशोर बागरी के मोबाइल नंबर 9425172577 दिनांक 01/05/2020 को सुबह 10.51 पर तथा विधायक देव तालाब रीवा गिरीश गौतम से उनके मोबाइल नंबर 9425332915 से दिनांक 16/05/2020 को सुबह 09.56 से 09.58 तक मेरे मोबाइल नंबर 9826040554 पर निलंबन से बहाल कराने के लिए दबाव डलवाया। सेवा संबंधी मामलों में वरिष्ठ प्राधिकारी पर राजनीतिक दबाव डलवाने को सिविल सेवा नियम के विरुद्ध बताते हुए सीआर खराब करने की चेतावनी के साथ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
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खुद भी घिर गए सवालों में
अब सवाल उठता है कि रीवा एवं सतना के विधायक ने भले ही निलंबित अधिकारी के समर्थन में दबाव डाला, लेकिन अगर संबंधित अधिकारी दोषी था तो उसकी बहाली नहीं करनी थी बल्कि अपने वरिष्ठ को अवगत कराया जा सकता था या फिर शासन को लिखा जा सकता था। उन्होंने बहाली कर खुद को सवालों में घेर लिया है।
'कृषि विकास अधिकारी सतना परषोत्तम बागरी ने सेवा बहाली के लिए विधायकों से वरिष्ठ प्राधिकारी पर राजनीतिक प्रभाव डलवाया। यह मप्र सिविल सेवा नियम का उल्लंघन है। इसिलए उन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलाब किया है। यह विभागीय मैटर है। उचित जवाब न मिलने पर अगली कार्रवाई की जाएगी।' - एससी सिंगादिया, संयुक्त संचालक कृषि कल्याण तथा कृषि विकास रीवा