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सरकारी विद्यालयों में आज से पहली बार शुरू होंगी प्री-प्राइमरी कक्षाएं, तय की गई आयु सीमा
रीवा. जिले के शासकीय विद्यालयों में पहली बार प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू होगी। इस बार विद्यालयों में नर्सरी, केजी 1 और केजी 2 की कक्षाएं लगेगी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्री प्राइमरी कक्षा में एडमीशन के लिए उम्र की सीमा भी तय कर दी है।
बताया गया है कि मध्य प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में प्री प्राइमरी कक्षा शुरू करने के लिए विद्यालय संचालकों को गाइड लाइन जारी कर दी गई है। हालांकि सभी विद्यालयों में प्री प्राइमरी कक्षा शुरू होगा यह अभी तय नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि कुछ चुनिंदा विद्यालयों में ही प्री प्राइमरी कक्षाएं लगाई जाएगी।
चुनिंदा विद्यालय शामिल
गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहली बार प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए जिले की कुछ चुनिंदा स्कूलों का ही चयन किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल प्राचार्यों को बेहतर व्यवस्थाओं के इंतजाम किए जाने के आदेश जारी किए हैं। खास बात यह है कि नर्सरी कक्षाओं का संचालन करने हेतु जिन विद्यालयों को चुना गया है वहां बच्चों के पढ़ने से लेकर बैठने एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से छात्रों को प्रवेश दिया जाता था किंतु इस बार नर्सरी से प्रवेश दिए जाने की कार्य योजना तैयार की गई है।
अलग से लगेगी कक्षाएं
प्री प्राइमरी के तहत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। संबंधित विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए अलग से कक्षाएं लगेगी। इन कक्षाओं के लिए दो शिक्षक मौजूद रहेंगे। इसके अलावा विद्यालयों में विद्यार्थियों को बिजली, पानी, शौचालय और बैठने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
नर्सरी में 3 से 4 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगा प्रवेश
जानकारी के मुताबिक प्री प्राइमरी कक्षा में नर्सरी, केजी 1 और केजी 2 में विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। जिसके तहत नर्सरी में तीन से चार वर्ष तक के बच्चों को प्रवेश दिया जाना है। केजी 1 में चार से पांच और केजी 2 में पांच से छः वर्ष तक के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। गौरतलब है कि उम्र की सीमा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तय की गई है। फिलहाल अब विद्यालयों में नर्सरी केजी-1 और केजी-2 में कितने विद्यार्थी एडमीशन लेंगे इसका पता आने वाले समय में पता चलेगा।
अधिकारियों को नहीं है पता
एक ओर जहां स्कूल शिक्षा विभाग प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन करने जा रहा है तो वहीं जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता को इस संबंध में जानकारी ही नहीं है। उन्होंने बताया कि चुनाव की वजह से कामकाज काफी प्रभावित है ऐसे में सरकार द्वारा स्कूलों के लिए जारी किए जा रहे दिशा निर्देशों का भी समय पर पालन नहीं हो पा रहा है। सवाल यह है कि जब पठन पाठन की व्यवस्थाओं पर ही सुधार नहीं होगा तो छात्र कैसे सफल होंगे।