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गांव के नाम से परेशान हैं रीवा के 'भुसुड़ी' वाले, 14 साल से जारी है नाम बदलवाने की जद्दोजहद

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
14 Sept 2023 1:08 AM IST
Updated: 2023-09-14 03:28:14
गांव के नाम से परेशान हैं रीवा के भुसुड़ी वाले, 14 साल से जारी है नाम बदलवाने की जद्दोजहद
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रीवा जिले के भुसुड़ी गांव का नाम बदलने की प्रक्रिया 2009 से चल रही है. 

रीवा जिले के भुसुड़ी गांव का नाम बदलने की प्रक्रिया 2009 से चल रही है. प्रदेश में वर्ष 2023 में राजस्व रिकॉर्ड में चार गांवों- करवों के नाम बदले गए, लेकिन भुसुड़ी का नाम अभी तक न बदल पाया.

Bhusudi Village of Rewa : अंग्रेजी भाषा के अद्वितीय नाटककार विलियम शेक्सपीयर ने कहा था, नाम में क्या रखा है. अब नाम में क्या रखा है, यह बात रीवा जिले के एक गांव के लोगों से पूछिए, जो अपने गांव के नाम को लेकर परेशान है. दरअसल, इस गांव का नाम वही है, जो आम बोलचाल में एक गाली प्रयोग की जाती है. इससे गांव के लोगों को शर्मिंदगी झेलना पड़ती है. रीवा शहर से महज 10 किमी की दूरी पर एक गांव आता है, जिसका नाम है भुसुड़ी.

भुसुड़ी के निवासी 14 साल से अपने गांव का नाम बदलवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है. यह गांव रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा और तहसील अंतर्गत आता है, जो रीवा शहर से 10 किलोमीटर दूर है. चूंकि गांव के नाम से मिलती जुलती एक गाली भी है, इसलिए यहां के बाशिंदों को गांव का नाम लेने में शर्मिंदगी महसूस होती है. गांव के नाम की वजह से उन्हें कई मौकों पर नीचा देखना पड़ता है. यही वजह है कि लोग अपने गांव का नाम बदलवाना चाहते हैं. इसके लिए ग्रामवासियों की ओर से वर्ष 2009 में पहला आवेदन जिला प्रशासन को दिया था. इसके बाद से रहवासी समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से गांव का नाम बदलने के संबंध में आग्रह करते रहते हैं. वे मंत्रालय पहुंचकर राजस्व विभाग में आवेदन दे चुके हैं. चौदह साल का लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी गांव का नाम नहीं बदला जा सका है. फिलहाल इसकी फाइल मंत्रालय में धूल खा रही है.

2009 से नाम बदलने की जद्दोजहद कर रहे ग्रामवासी

इसके लिए ग्रामवासियों की ओर से सबसे पहले साल 2009 में जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया था. इसके बाद से रहवासी समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से गांव का नाम बदलने का आग्रह किया गया. वे मंत्रालय पहुंचकर राजस्व विभाग में भी आवेदन दे चुके हैं. 14 साल का लंबा समय बीत जाने के बाद भी गांव का नाम नहीं बदला जा सका है. फिलहाल, इस मामले की फाइल मंत्रालय में धूल खा रही है.

सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं बदला नाम

सतना जिले के कूंची गांव का नाम भी दो साल में अबतक नहीं बदला जा सका है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2021 मे कूंची का नाम बदलकर चंदनगढ़ किए जाने की घोषणा की थी.

वर्ष 2023 में इन गांवों व करबों के नाम बदले

  • 4 जनवरी को टीकमगढ़ जिले के ग्राम अर्चरा का नाम आचार्य धाम हो गया.
  • 4 जनवरी को जिला टीकमगढ़ के ग्राम शिवपुरी का नाम कुंडलेश्वरधाम हो गया.
  • 1 फरवरी को भोपाल जिले के इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर कर दियागया.
  • 2 अप्रैल को सीहोर जिले के नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भेरूदा कर दिया गया.

नाम बदलने की प्रक्रिया

किसी भी गांव या शहर का नाम बदलने के लिए राज्य शासन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद राज्य शासन की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाती है. फिर राजस्व विभाग इस संबंध में आदेश जारी करता है.

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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