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रीवा में पटवारियों की कलमबंद हड़ताल से राजस्व संबंधी कामकाज प्रभावित
विगत 25 वर्षों से चली आ रही मांग का निराकरण किए जाने को लेकर रीवा जिले के भी पटवारी कलमबंद हड़ताल पर चल रहे हैं। पटवारियों का धरना प्रदर्शन विगत कई दिनों से अनवरत जारी है। प्रदेश के समस्त जिलों के साथ-साथ रीवा जिले के पटवारी भी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर शामिल हैं। जिससे राजस्व संबंधी कामकाज पर इसका पूरी तरह से असर देखा जा रहा है। लोगों को अपनी जमीन संबंधी काम कराने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
लंबित मांगों पर नहीं लिया जा रहा निर्णय
रीवा जिले के सभी पटवारी लगातार अपनी वर्षों पुरानी लंबित मांगों को पूरा किए जाने की मांग के साथ हड़ताल पर डटे हुए हैं। प्रमुख मांगों में 2800 ग्रेड पे की मुख्य मांग के साथ अन्य मांगों को शासन के समक्ष कई बार रखा गया। बावजूद इसके शासन पटवारियों की मांगों को निराकरण करने संबंधी कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है। संघ का कहना है कि 25 वर्षों से लगातार सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। पटवारियों की जारी कलमबंद हड़ताल से लोगों के नामांतरण से लेकर जमीन संबंधी अन्य कार्य पर इसका सर्वाधिक असर पड़ रहा है। लोग अपने कार्य कराने के लिए इधर-उधर भटकते देखे जा रहे हैं।
यह कार्य हो रहे प्रभावित
पटवारियों की हड़ताल के चलते राजस्व का कामकाज खासा प्रभावित हो रहा है। खासतौर पर मैदानी अमले पर इसका अच्छा खासा असर देखने को मिल रहा है। नामांतरण से लेकर खसरा एवं अन्य सरकारी योजनाओं का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित है। उल्लेखनीय है कि पटवारी संघ द्वारा कई बार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। गौरतलब है कि विगत मई महीने में समूचे जिले में सीमांकन का कार्य किया जाना था। लेकिन पटवारियों की हड़ताल के चलते सीमांकन का कार्य भी काफी प्रभावित हुआ था। उस दौरान भी पटवारियों ने कहा था कि यदि सरकार उनकी मांगों का निराकरण समय पर कर देती है तो वह हड़ताल समाप्त कर सीमांकन का कार्य शुरू कर देंगे किंतु उनकी मांगों पर कोई खास अमल नहीं किया गया जिसके चलते सीमांकन कार्य प्रभावित रहा।