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रीवा और मऊगंज में धान घोटाला: 12 हज़ार क्विंटल अमानक धान की हुई खरीद, अधिकारी एक-दूसरे पर डाल रहे ज़िम्मेदारी

रीवा और मऊगंज में धान घोटाला: 12 हज़ार क्विंटल अमानक धान की हुई खरीद, अधिकारी एक-दूसरे पर डाल रहे ज़िम्मेदारी
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रीवा और मऊगंज ज़िले में धान खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया है। 12 हज़ार क्विंटल अमानक धान की खरीद की गई है, जिसमें से केवल 4 हज़ार क्विंटल ही मानक पाया गया है। अधिकारी एक-दूसरे पर ज़िम्मेदारी डाल रहे हैं।

मध्य प्रदेश के रीवा और मऊगंज ज़िलों में धान खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां सहकारिता विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से 12 हज़ार क्विंटल अमानक धान की खरीद कर ली गई। इस धान की सफाई करने के बाद केवल 4 हज़ार क्विंटल धान ही मानक पाया गया है।

अधिकारी एक-दूसरे पर डाल रहे ज़िम्मेदारी

इस घोटाले का खुलासा होने के बाद नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारिता विभाग एक-दूसरे पर ज़िम्मेदारी डाल रहे हैं।

कैसे हुआ घोटाला?

सूत्रों के मुताबिक, रीवा और मऊगंज के स्थानीय व्यापारियों और दलालों ने मिलकर उत्तर प्रदेश से खराब क्वालिटी का धान खरीदा और उसे खरीदी केंद्रों में बेच दिया। यह सब कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ।

कौन है ज़िम्मेदार?

इस पूरे मामले में सिर्फ़ समिति प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर को ही ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि यह घोटाला कई विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ है। यह भी कहा जा रहा है कि इस घोटाले में प्रति क्विंटल 50 पैसे से लेकर ₹20 तक की रिश्वत ली गई है।

क्या होगी कार्रवाई?

इस धान घोटाले में हर साल की तरह इस साल भी एक-दो लोगों को ही बलि का बकरा बनाया जाएगा और बाकी लोगों को बचा लिया जाएगा। लेकिन अगर इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए, तो कई बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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