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Rewa: अन्न दाता परेशान, खेत में सड़ गई प्याज, मंडी में सड़ रहा गेहूं
रीवा / Rewa: बे मौसम हुई बरसात ने किसानो का सब छीन लिया है। वहीं कोरोना की आड़ में खरीदी प्रभारी मनमानी पर उतारू हैं। इसी का परिणाम है कि मैसेज आने के बाद भी किसानों की तौल नहीं हो पाई।
तौकते नामक आये चक्रवाती तूफान में मंडी में किसानो का रखा गेंहू बारिश की भेट चढ गया। वही मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था। इसके बाद भी बेपरवाह खारीदी सिस्टम ने गंभीरता नही दिखाई। वहीं खरीदी के बाद रखा लाखों किंटल आनाज भीग गया।
किसानो से होती है लूट
किसानों की माने तो कही नमी के नाम पर तो कभी गेहूं में कचरा होने का बहाना बनाकर किसानों की तौल को प्रभावित किया जाता हैं।
वहीं जब किसानों से खरीदी प्रभारियों को पैसा मिल जाता है वह गेहूं की सारी कमी दूर हो जाती है और तौल हो जाती हैं।
केन्द्र में रतजगा कर रहे किसान
किसान को मैसेज के बाद सात दिन का समय दिया जाता है लेकिन वहा भीड़ बढाकर पैसे का लेनदेन किया जाता है। किसान ट्रैक्टर और ट्रालियों में अनाज लेकर उपार्जन केंद्रों में रतजगा कर रहे है।
केंद्रों में कभी वारदानों की समस्या तो कभी बेमौसम बारिश के चलते अनाज की तौल नहीं हो पा रही।
समय पर नही होता परिवहन
खरीदी के बाद समय पर परिवहन नही होता है। खरीदी प्रभारियो की माने तो वहा भी पैसे का लेने देन चलता है। हर ट्रक का पैसा बंधा होता है।
वही इस बार प्रायवेट कंपनियो को खरीदी का जिम्मा दिया गया है। वहा का हाल भी कुछ ऐसा ही है। इस असमय हुई बारिश में सबसे ज्यादा गेहूं खरदी के बाद भीगा हैं।
समय पर परिवहन नही होने से वह केन्द्र मे ही पड़ा रहा और बारिश में भीग गया।
किसानो की टूट गई कमर
बेमौसम बारिश ने किसानों की तो कमर तोड़ दी। असमय बारिश होने से करोड़ों की प्याज खेतों में ही नष्ट हो गई है।
किसानों की मानें तो फरवरी-मार्च में लगी प्याज की फसल मई की शुरुआत में ही आ गई थी।
कई किसान प्याज खेत से निकाल ही नही पाये और जो निकाल भी लिये वह भी नमी की वजह से सड़ने लगीं।
हालत यह है कि प्याज की पूरी फसल नष्ट होने की कगार पर हैं। अगर जल्दी ही मौसम नहीं खुलता तो प्याज की पूरी फसल समाप्त हो जायेगी।