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Rathyatra In Rewa: पुरी की तर्ज पर रीवा में निकली भव्य रथयात्रा, बग्गी में भगवान जगन्नाथ स्वामी, बलभ्रद एवं बहन सुभद्रा की भी प्रतिमा थी
Rathyatra In Rewa: परंपरा के तहत एक जुलाई को पुरी की तर्ज पर रीवा में भी भव्य रथयात्रा निकाली गई। ऐतिहासिक लक्ष्मण बाग से शुरू हुई यह रथ यात्रा किला पहुंची। जहाँ रीवा महाराज पुष्पराज सिंह ने रथयात्रा का स्वागत किया और यात्रा में शामिल हुए।
बग्गी में थें भगवान
रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी (Lord Jagannath), बलभ्रद एवं बहन सुभद्रा की प्रतिमा को आकर्षक ठंग से सजाई गई बग्गी में सवार किया गया था। तो वही बग्गी में बैठे पुरोहितों के द्वारा मंत्रोचार करके शहर में धार्मिक माहौल बनाया गया।
ऐसे निकली रथ यात्रा
दो दिवसीय यह रथयात्रा शुक्रवार की दोपहर बाद तीन बजे लक्ष्मणबाग से शुरू हुई। बिछिया से होकर किला पहुंची और फिर उपरहटी फोर्ट रोड के रास्ते रथयात्रा घोड़ा चौराहा पहुंची। जहाँ व्यापारी संघ ने आतिशबाजी करके रथ यात्रा का भव्य स्वागत किए। व्यापारी संघ के सरंक्षक नरेश काली के नेतृत्व में शहर के व्यापारियों ने इस दौरान चौराहे पर संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किए तथा पुष्पवर्षा करके भगवान की पूजा-अर्चना की।
मानस भवन में विश्राम
रथयात्रा वेंकट मार्ग, जयस्तंभ से होकर कॉलेज चौराहा पहुंची तो वही मानस भवन में रथयात्रा रात्रि विश्राम करेगी। यह यात्रा शनिवार को एक बार फिर मानस भवन से प्रारंभ होगी और शिल्पी प्लाजा, अस्पताल चौराहा से होकर वापस लक्ष्मणबाग में समाप्त होगी।
भगवान के स्वस्थ होने पर होती है रथयात्रा
ऐसी मान्यता है कि भगवान आषाढ़ मास में बीमार हो गए थें और 15 दिन बाद जब वे स्वस्थ हुए तो उन्होंने नगर का भ्रमण किया था। इस परंपरा के तहत प्रति वर्ष रथयात्रा निकाली जा रही है। हांलाकि तीन वर्ष बाद यह रथयात्रा इस बार निकली गई हैं। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो वर्षो से रथयात्रा को स्थगित कर दिया गया था। लम्बे समय बाद निकाली गई रथयात्रा को लेकर रीवा के लोगो में बेहद उत्साह का माहौल रहा और लोगो ने भगवान जगन्नाथ का प्रिय जामुन आदि का प्रसाद वितरित करके रथयात्रा की शुभकामनाएं दी।