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रीवा जिले में झोलाछाप चिकित्सकों की अब खैर नहीं, कलेक्टर ने सीएमएचओ को दिए यह निर्देश
मध्यप्रदेश के रीवा जिले में फैले झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा मरीजों की जान के साथ किए जा रहे खिलवाड़ और दी जा रही मनमानी दवाई की वजह से अब तक कई मौतें हो चुकी हैं। इस मामले में कई बार झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई भी की गई। कुछ दिनों तक अभियान चलता है, उसके बाद इसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है। झोलाछापों पर शिकंजा कसने के लिए एक बार फिर से कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा है।
इन पर कार्रवाई के लिखा पत्र
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सीएमएचओ को लिखे पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी पत्र के निर्देशन पर जिले भर में अपात्र फर्जी चिकित्सकों एवं अन्य प्रदेश में पंजीकृत चिकित्सक भी मरीजों का उपचार कर रहे हैं। जिसमें अमान्य चिकित्सा पद्धतियों, झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा रोगियों का उपचार अवैध रूप से किया जा रहा है। इतना ही नहीं अधिकांश ऐसे चिकित्सा एलोपैथी पद्धति की औषधियां रोगियों को दे रहे हैं जो उपयुक्त ज्ञान एवं जानकारी के अभाव में घातक एवं जानलेवा साबित हो रही है। इस तरह के जिले में कई प्रकरण भी आ चुके हैं। गौरतलब है कि 16 अगस्त को मऊगंज जिले के हनुमना थाना क्षेत्र के उकसा कोठार गांव में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां झोलाछाप डॉक्टर ने महिला मरीज के घर जाकर उसके पेट का ऑपरेशन किया था। जिससे उसके गर्भाशय की आंतें बाहर आ गईं और उसकी मौत हो गई थी। आरोपी डॉक्टर कैंची और ब्लेड भी मौके पर छोड़ फरार हो गया था।
बिना पंजीयन कर रहे उपचार
कलेक्टर ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि इस तरह के चिकित्सक बिना पंजीयन के ही अपात्र एवं फर्जी तरीके द्वारा गलत दवाइयां दे रहे हैं व इंजेक्शन लगा रहे हैं। साथ ही ऑपरेशन करने के भी मामले आए हैं जिसमें रिएक्शन से रोगियों को एब्सेस गैंगरीन भी हुआ है एवं रोगियों की मृत्यु हो गई है। जिले के अंदर अवैध तरीके से संचालित हो रहे बिना पंजीयन के चिकित्सा व्यवसाय करने वाले फर्जी एवं झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध छापामार अभियान चलाकर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं इसके लिए एक दल का भी गठन किया जाएगा।