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APS University: रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने अगले माह आ सकती है नैक की टीम
एमपी के रीवा स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का नैक निरीक्षण करने के लिए सितम्बर महीने में टीम पहुंच सकती है। जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुट गया है। वहीं विश्वविद्यालय ने नैक को एसएसआर रिपोर्ट भी भेज दी है। विगत 20 मई को विश्वविद्यालय की एक्यूआईसी सेल ने यह कार्रवाई पूरी की है, अब एसएसआर रिपोर्ट की जांच नैक बोर्ड द्वारा की जाएगी। इसके बाद नैक बोर्ड विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करते हेतु समय निर्धारित करेगा। यही नहीं विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने के लिए टीम भी गठित करेगा। संभवतः सितम्बर माह के प्रारंभ में नैक टीम विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने आ सकती है।
2016 में हुआ था नैक मूल्यांकन
यहां पर बता दें कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का अंतिम बार नैक मूल्यांकन वर्ष 2016 में हुआ था, तब एपीएसयू को नैक बोर्ड ने सी ग्रेड का दर्जा दिया था। बताया गया है कि तय निर्धारित शिक्षकों की कमी के चलते विश्वविद्यालय को यह न्यूनतम ग्रेड मिली थी, इस बार भी यही स्थिति निर्मित हो सकती है। फिर भी विश्वविद्यालय के जिम्मेदार नियमित शिक्षकों की कमी के चलते न्यूनतम ग्रेड मिलने की आशंका को खारिज कर रहे हैं। यदि नैक निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय को मूल्यांकन में अच्छी ग्रेड मिलती है तो इसका लाभ छात्रों व विश्वविद्यालय को अवश्य होगा।
नैक टीम यह करती है निरीक्षण
बता दें कि नैक टीम किसी भी शिक्षण संस्थान की अकादमिक व्यवस्था का गहराई से मूल्यांकन करती है। शोध परियोजनाओं व उत्कृष्ट अकादमिक व्यवस्था के लिए संस्था के पास मौजूद संसाधनों का टीम द्वारा बारीकी से अवलोकन किया जाता है। इसके अलावा खेल गतिविधि, सामाजिक गतिविधि आदि के अंक भी मूल्यांकन से जुड़ते हैं। इतना ही नहीं छात्र सेवाएं व छात्रों के परिणाम व उत्तीर्ण छात्रों के विश्वविद्यालय के जरिए मिलने वाले रोजगार पर भी नैक टीम ध्यान देती है। यही नहीं गुणवत्ता के मापदण्डों पर भी नैक टीम बेहतर ढंग से जांच करती है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय को वर्ष 2016 में नैक ग्रेड मिली थी, उसकी अवधि वर्ष 2021 में समाप्त हो गई। उस दौरान महामारी का संक्रमण काल चल रहा था लिहाजा वर्ष 2021-22 में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय पूरी तरह नैक मूल्यांकन संबंधी तैयारी नहीं कर पाया। अब स्थिति सामान्य होने पर विश्वविद्यालय के आला अधिकारी तैयारियों में जुटे हैं।
विश्वविद्यालय के लिए मूल्यांकन के मायने
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अब तक मात्र आधा दर्जन दीक्षांत समारोह तथा वर्तमान का सी ग्रेड उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। कहने को तो विश्वविद्यालय में भारी भरकम कर्मचारियों की फौज है इसके बावजूद विश्वविद्यालय देश क्या प्रदेश में ही अपनी ख्याति उत्कृष्ट नहीं कर पाया है। ऐसे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मिलने वाले बजट से ही यहां के तमाम खर्चे चल रहे हैं। यही वजह है कि विश्वविद्यालय जोर-शोर तरीके से ग्रेड पाने के लिए ऐंडी चोटी का जोर लगा रहा है। यदि ग्रेड में सुधार हुआ तो करोड़ों रुपए विश्वविद्यालय में शिक्षा के नाम पर बरस सकता है।