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Rewa APSU: रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति से कट सकते हैं नैक मूल्यांकन के अंक
Rewa APSU: एमपी रीवा स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय परिसर में रूसा परियोजना के अंतर्गत विगत एक वर्षों से करोड़ों के काम चल रहे हैं जो अब तक पूरे नहीं हो सके हैं। चल रहे निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति से विश्वविद्यालय प्रशासन चिंतित नजर आ रहा है। जिसकी प्रमुख वजह यह है कि कभी भी विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन करने के लिए टीम पहुंच सकती है। बता दें कि विश्वविद्यालय ने नैक को एसएसआर रिपोर्ट मई महीने में भेज दी है। विगत 20 मई को विश्वविद्यालय की एक्यूआईसी सेल ने यह कार्रवाई पूरी कर ली है। अब एसएसआर रिपोर्ट की जांच नैक बोर्ड द्वारा की जाएगी। इसके उपरांत नैक बोर्ड विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने हेतु समय निर्धारित करेगा। साथ ही विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने की टीम गठित करेगा जो जल्द ही निरीक्षण करने विश्वविद्यालय पहुंच सकती है।
पीआईयू की लापरवाही का भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
अगले कुछ दिनों में नैक टीम के मूल्यांकन संबंधी सूचना आ सकती है। वहीं दूसरी तरफ पीआईयू के ठेकेदार समय पर निर्माण व मरम्मत कार्य पूरा नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से विश्वविद्यालय प्रबंधन चिंतित नजर आ रहा है। गौरतलब है कि सत्र 2019-20 में तत्कालीन कुलपति प्रो. पियूष रंजन अग्रवाल ने रूसा से 20 करोड़ रुपए स्वीकृत कराए थे। इसमें से 10 करोड़ रुपए विश्वविद्यालय के लिए जारी हो चुके हैं। 10 करोड़ में से विश्वविद्यालय के लगभग सभी शिक्षण विभागों की मरम्मत हो रही है। छात्रावास भवन, निर्माण विभाग, शोध संचालनालय भवन सहित कुछ अन्य नवीन निर्माण भी कराए जा रहे हैं। ऐसे मरम्मत व नवीन निर्माण के कार्य समय पर न हो पाने की वजह से नैक मूल्यांकन टीम विश्वविद्यालय के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
समय पर काम पूरा कराने लिखा पत्र
गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग के पीआईयू शाखा द्वारा कराए जा रहे करोड़ों के निर्माण कार्य में हो रही देरी की वजह से विश्वविद्यालय के सामने कई तरह की परेशानियां खड़ी हो गई हैं। मामले को लेकर विवि प्रशासन ने विगत माह उच्च शिक्षा मंत्री को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें कहा गया है कि संबंधित निर्माण कार्य में तेजी लाकर जल्द पूरा कराया जाए जिससे आगामी माह में विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने नैक की टीम आ सकती है। ऐसे में विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में मिलने वाले अंक पर असर पड़ सकता है। यदि समय पर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक भवनों के निर्माण व मरम्मत कार्य नहीं होते तो दिक्कत हो सकती है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा इसको लेकर काफी संजीदगी बरती जा रही है जिससे समय पर निर्माण कार्य पूरा हो सके।