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COVID-19 के ICU वार्ड का भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करना भारी, अफवाह फैलाने वाले को गिरफ्तार करने अमहिया पुलिस ने SGMH में दी दबिश
रीवा. कोरोना महामारी (Corona pandemic) के दौर पर भ्रामक और अफवाह फैलाने जैसे पोस्ट, वीडियो आदि बहुत भारी पड़ सकते हैं. शुक्रवार को रीवा की अमहिया पुलिस ने SGMH में एक शख्स की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी है. शख्स पर आरोप है कि अस्पताल के COVID-19 के ICU का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड किया था. जिसके चलते भ्रामक (Misleading) स्थिति पैदा हो गई थी. फिलहाल आरोपी फरार है.
मामले को लेकर अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को COVID-19 के ICU में एक इलाजरत मरीज के साथ मौजूद बोदाबाग निवासी आदिल खान द्वारा एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड किया गया था, जिस पर जो आरोप आदिल द्वारा लगाए गए थें, वे पूर्णतः भ्रामक और अफवाहजनक थें.
शिवा अग्रवाल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर आरोपित के खिलाफ धारा 353, 188, 269, 270 IPC 51B आपदा प्रबंधन के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर अस्पताल में गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई, लेकिन आरोपी वहां से फरार हो गया. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
क्या है वीडियो में
आदिल द्वारा बनाए गए 1.51 मिनट के इस वीडियो ने समूचे जिले में भ्रामक स्थिति पैदा कर दी थी. इस वीडियो में आदिल ने बिजली गुल होने के दौरान ऑक्सीजन बाधित होने की बात कही गई. साथ ही आरोपित द्वारा अफवाह फैलाया जा रहा था कि दम घुटने से कोरोना के मरीजों की मौत हो रही है. इस दौरान कलेक्टर कोरोना वार्डों का निरीक्षण करने अस्पताल में ही मौजूद थें.
क्या है सच्चाई
इस वीडियो के वायरल होते ही अस्पताल प्रशासन और कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने मीडिया को बताया कि 10 मिनट के लिए बिजली बाधित हुई थी. बिजली बाधित होने से ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने जैसा कुछ नहीं है. ऑक्सीजन सप्लाई बिना बिजली के होती है.
मामले को लेकर डॉ. बजाज ने बताया कि हमारे पास अस्पताल में इस्तेमाल हो रहें वेंटिलेटर से लेकर अन्य उपकरणों के लिए भी पर्याप्त बैकअप होता है. इसलिए ऐसा वीडियो सिर्फ अफवाह है और भ्रामक है.