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मध्य प्रदेश: रीवा के अमर शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह बनीं सेना में लेफ्टिनेंट

मध्य प्रदेश: रीवा के अमर शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह बनीं सेना में लेफ्टिनेंट
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lieutenant Rekha Singh Rewa: साल 2020 में गलवान घाटी में रीवा के शेर दीपक सिंह चीनी सैनिकों से देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे

लेफ्टिनेंट रेखा सिंह रीवा: मध्य प्रदेश में मौजूद रीवा जिले के अमर शहीद लांस नायक दीपक सिंह (Martyr Lance Naik Deepak Singh) की पत्नी रेखा सिंह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं. ज्ञात हो कि 15 जून 2020 के दिन दुनिया के सबसे ऊंचाई वाली युद्धक्षेत्र गलवान घाटी में रीवा के लाल दीपक सिंह चीनी सैनिकों से लड़ते हुए और अपने घायल साथियों को फर्स्ट ऐड देते हुए शहीद हो गए थे. शहीद दीपक सिंह रीवा जिले के फरेदा गांव से ताल्लुख रखते थे.


शहीद दीपक सिंह की पत्नी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह (Lt Rekha Singh Rewa:) ने अपनी शादी के सिर्फ 15 महीने बाद ही अपने पति को खो दिया था. दीपक सिंह के बलिदान के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने रेखा सिंह को शिक्षाकर्मी वर्ग 2 की नियुक्ति भी दी गई थी. लेकिन रेखा सिंह के अंदर भी अपने वीर पराकर्मी पति की तरह देश की सेवा करने का जज्बा था. और आज रेखा सिंह भी आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं. यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है।

Lieutenant Rekha Singh: एमपी गवर्नमेंट द्वारा उन्हें शिक्षाकर्मी वर्ग 2 की नियुक्ति दी गई, उन्होंने कुछ समय तक शिक्षकीय दायित्व का निर्वहन किया। इसके बाद लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने आर्मी ज्वाइन करने के लिए सैनिक कल्याण कार्यकाल में इस सम्बन्ध में जानकारी हासिल की. उन्हें रीवा जिला प्रशासन और सैनिक कल्याण विभाग से मार्गदर्शन मिला।

अपनी बहनों को हौसला देने के लिए सेना में शामिल हुई हूं

लेफ्टिनेंट रेखा सिंह कहती हैं- जब कोई नव विवाहिता किसी कारणवश अपने पति को खो देती है तो परिवार और समाज उस बेटी के भविष्य को लेकर अनेक प्रश्नचिन्ह लगाता है तथा तरह-तरह के लांछन लगाकर भविष्य के आगे बढ़ने के सभी मार्ग बंद करने का प्रयास करता है। मैं ऐसे व्यक्तियों का मुंह बंद करने और अपनी बहनों को हौसला देने के लिए सेना में शामिल हुई हूँ। मुझेे उचित मार्गदर्शन मिला। मैंने नोएडा जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारियों का प्रशिक्षण लिया। रीवा में मैंने फिजिकल ट्रेनिंग ली। अपने प्रथम प्रयास में मुझे सफलता नहीं मिली। लेकिन दूसरे प्रयास में मेरा चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ। मेरा प्रशिक्षण 28 मई से चेन्नई में शुरू होगा। प्रशिक्षण पूरा होने पर एक साल में मैं भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपनी सेवाएं दूंगी।


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