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रीवा के शिक्षा विभाग में 70 लाख 64 हजार रूपये के भष्टाचार की जांच शुरू, भोपाल से पहुंची टीम
रीवा। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुदान प्राप्त विद्यालयों में दिए जाने वाली राशि पर रीवा के जिला शिक्षा विभाग में जमकर भष्टाचार किया गया था। 70 लाख रुपए से ज्यादा की राशि के बंदरबांट किए जाने के सनसनीखेज मामले की जांच करने के लिए अब भोपाल की टीम सोमवार को रीवा पहुची और डीईओ कार्यालय में दस्तावेजों को खगाल रही है। जांच टीम के पहुचने पर शिक्षा विभाग में खलबली है।
भोपाल से पहुची टीम
जानकारी के तहत भोपाल के लोक शिक्षण विभाग में पदस्थ राजेश कुमार एवं अभिनेद्र सिह जांच करने के लिए रीवा पहुचे है। जहां वे भष्टाचार से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहे है, जबकि टीम के अन्य सदस्य मंगलवार को पहुंच रहे है। माना जा रहा है कि भोपाल स्तर से की जा रही इस जांच में और चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते है।
दरअसल जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ लेखापाल और अनुदान शाखा प्रभारी के द्वारा अनुदान प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की एरियर तथा अन्य भुगतान में भारी अनियमितता की गई है। जिसके बाद पूर्व कलेक्टर इलैया राजा टी ने कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। जानकारी के तहत कर्मचारियों पर फर्जी खाते में राशि भेजकर चेक के माध्यम से करोड़ों रुपए की हेराफेरी किए जाने के आरोप है।
ग्वालियर लेखापाल ने ऑडिट में पकड़ी थी गड़बड़ी
दरअसल शिक्षा विभाग में ऑडिट के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई थी कि जो अनुदान प्राप्त विद्यालय है, उनमें लेखापाल अशोक शर्मा और अनुदान शाखा प्रभारी अखिलेश तिवारी ने शिक्षकों को सैलरी और अन्य भुगतान को जारी करने में अनियमितता बरती है। लेखापाल और अनुदान शाखा प्रभारी ने पैसों का आहरण कर गलत खातों में रकम भेजी गई। इसकी जानकारी प्राप्त होने पर उच्च स्तरीय समिति का गठन कर जांच कराने के निर्देश प्रदेश के प्रमुख सचिव ने दिए थें, जिसके बाद भोपाल स्तर से अब जांच की जा रही है।
रिश्तेदारों को कर दिए थें मालामाल
जानकारी के तहत शिक्षा विभाग का यह घोटाला जिले की अनुदान प्राप्त स्कूलों के एरियर्स भुगतान में वित्तीय वर्ष 2017- 18 एवं 2018-19 का है। विभाग के कर्मचारियों ने अनुदान प्राप्त शिक्षकों की जगह अपने रिश्तेदारों के खातों में राशि भेज कर घोटाला किया गया है. बताया जा रहा है की 15 ऐसे लोगों के खाते में राशि भेजी गई है, जो शिक्षक ही नहीं है। प्रारंभिक तौर पर कैशियर सहित अनुदान शाखा प्रभारी को निलंबित कर दिया गया था।
टीम इस पर कर रही जांच
इस घोटाले की जांच के लिए जो टीम गठित की गई है उसके द्वारा इस प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों की जांच सहित घोटाले में और किन-किन लोगों की भूमिका है उसकी जांच की जा रही। 70 लाख 64 हजार रुपये का गबन जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ लेखापाल और अनुदान शाखा प्रभारी ने अनुदान प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की एरियर तथा अन्य भुगतान में भारी अनियमितता की गई है. तथा शासकीय खाते से राशि को फर्जी खातों में ट्रांसफर किया गया है। जांच के बाद और बड़ी रकम का इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों के नाम होने की संभावना जताई जा रही है।