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APSU Rewa Strike News: विश्वविद्यालय में आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल, दो गुटों में बटें कर्मचारी; परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं
APSU Rewa Strike News
APSU Rewa Strike News: रीवा. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU Rewa) में कर्मचारियों की लगातार हड़ताल चल रही है। पिछले 15 मई से चरणबद्ध हड़ताल जारी है। इस दरम्यान कुछ परीक्षाएं भी संचालित की गई और सम्पन्न भी हो गई। लेकिन 2 जून से बीएड एवं एमएड की होने वाली परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं।
आज से तालाबंदी का ऐलान
शुक्रवार से विश्वविद्यालय के कर्मचारी तालाबंदी कर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। प्रदेश के अन्य विवि के साथ ही एपीएसयू के कर्मचारी भी आंदोलनरत हैं। गुरुवार को प्रांतस्तरीय ऑनलाइन बैठक के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है।
हड़ताल का विरोध
बताया गया है कि विवि में जहां अधिकतर कर्मचारी हड़ताल पर है वहीं कई ऐसे कर्मचारी भी हैं जो कि हड़ताल का विरोध करते हुए काम कर रहे हैं। इनके विरोध करने का कारण मांगो को लेकर नहीं बल्कि वर्चस्व को लेकर किया जा रहा है। कारण चाहे जो भी हो हड़ताल का पूर्ण रूप से सभी कर्मचारियों द्वारा समर्थन न किए जाने के कारण एपीएसयू का कर्मचारी दो गुट में बंट गया है।
प्रभावित हो रही व्यवस्था
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विवि का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। गौरतलब है कि विवि अपने काम के लिए आने वाले विद्यार्थियों को बिना काम के ही वापस लौटना पड़ रहा है। विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं। अगर कर्मचारियों की शुक्रवार आयोजित अनिश्चितकालीन हड़ताल आंगे तक चली तो इसका सीधा असर विद्यार्थियों पर पड़ेगा।
"2 जून से 12 जून तक बीएड एवं एमएड की वार्षिक परीक्षाएं होनी है अगर कर्मचारी कलम बंद हड़ताल पर जाते हैं तो परीक्षाएं प्रभावित होगी। ऐसी स्थिति में परीक्षा स्थगित भी की जा सकती हैं।" - डॉ. सुरेन्द्र सिंह, कुलसचिव, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
कुलसचिव ने मांगी हड़ताली कर्मचारियों की जानकारी
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुरेन्द्र सिंह ने विवि के समस्त विभागों में कार्यरत हड़ताली कर्मचारियों की जानकारी विभागध्यक्ष से मांगी है। कुलसचिव ने सभी विभागध्यक्षों को भेजे पत्र में कहा है कि संबंधित हड़ताली कर्मचारियों की जानकारी 4 जून तक भेजा सुनिश्चित करेंगे। कुलसचिव का कहना है कि विवि स्तर में कर्मचारियों की जो मांगे है उन्हें दूर किया जा रहा है।
कर्मचारियों की ये हैं मांगे
- विश्वविद्यालय में 2007 के बाद कार्यरत स्थाई कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने।
- स्थाई कर्मचारियों को नियमित करने और सातवां वेतनमान का भुगतान दिलाने।
- मप्र के विश्वविद्यालयों में कुलसचिव के पद पर विश्वविद्यालयीन सेवा के अधिकारियों को ही पदोन्नति कर नियुक्ति प्रदान करने।
- समन्वय समिति के निर्णय अनुसार मेडिक्लेम पॉलिसी विश्वविद्यालयों में लागू करने।
- विश्वविद्यालय में 2005 के बाद नियुक्त अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करने।
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के 84 कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान लाभ प्रदान करने।
- विश्वविद्यालयों में प्रदान किये जा रहे श्रम साध्य भत्ते पर पुर्नविचार की मांग शामिल है।