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रीवा में ऐसा काम किया तो लगेगा ₹15000 का जुर्माना
Rewa Collector Pratibha Pal
जिले में कृषकों तथा पशुपालकों को भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा गर्मियों में होने वाली आग की दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए जा चुके हैं। यह आदेश सम्पूर्ण रीवा जिले में लागू है। आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किया गया है।
प्रतिबंध का उल्लंघन करके नरवाई जलाने पर दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 2500 रुपए, दो से पाँच एकड़ तक के किसानों पर 5000 रुपए तथा पाँच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों पर 15000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। जारी आदेश के अनुसार रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों को आग के हवाले करने वाले किसानों के खिलाफ अब कठोर कार्यवाही की जाएगी। हार्वेस्टर के माध्यम से गेंहू की कटाई करने पर उसमें स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिन हार्वेस्टरों में अवशेष प्रबंधन सिस्टम नही होगा, उन्हें गेंहू काटने की अनुमति नही दी जायेगी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। जिले में चलने वाले कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिला परिवहन अधिकारी इसकी निगरानी करें। इसका उल्लंघन करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही करें। खेत में नरवाई जलाने से मिट्टी के कई लाभदायक सूक्ष्मजीव एवं जैविक कार्बन जलकर नष्ट हो जाते हैं। जिसके कारण मिट्टी कठोर हो जाती है। इसकी जल धारण क्षमता घट जाती है। इसलिए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
जारी आदेश के अनुसार पर्यावरण विभाग द्वारा जारी 2017 के नोटिफिकेशन में नरवाई जलाने पर दण्ड आरोपित करने का प्रावधान किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी फसल अवशेष अथवा नरवाई को जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उल्लंघन करने पर किसान पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। जारी आदेश को पालन कराने के लिए उप संचालक कृषि को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिला दण्डाधिकारी ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को पटवारी के साथ नरवाई जलाने की घटनाओं का प्रतिवेदन तैयार कर तहसीलदार को भेजने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदार नरवाई जलाने वाले किसानों की सुनवाई करके एसडीएम के माध्यम से अंतिम निराकरण के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक एवं समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी (राजस्व), तहसीलदार एवं कृषि विभाग के संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है।
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