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इधर पंचायत राज दिवस मनाने रीवा आ रहे पीएम मोदी, उधर पंचायतों के रोजगार सहायक कर रहे हड़ताल
Rewa PM Modi Visit News: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पंचायतराज के राष्ट्रीय सम्मेलन में आ रहे हैं। मोदी जी की अगुवाई में होने वाले इस महासम्मेलन को सफल बनाने जिले के अमले के साथ प्रदेश का पूरे प्रदेश का लगा हुआ है। लेकिन विडंबना यह है कि पंचायती राज व्यवस्था को मूर्त रूप देने में लगे ग्राम रोजगार सहायक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। यहां तक की सचिव विहीन ग्राम पंचायतों में पंचायत का पूरा कार्य ग्राम रोजगार सहायक ही कर रहे हैं। लेकिन इनका मानदेय ग्राम सचिव से भी काफी कम है जबकि कंप्यूटर से जुड़े हुए सारे कार्य सरकार द्वारा इन्हीं से क्रियान्वित करवाए जा रहे हैं।
24 को है कार्यक्रम
सोमवार 24 अप्रैल 2023 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंचायत राज के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने मध्य प्रदेश के रीवा जिले मे आ रहे हैं। प्रदेश का प्रशासनिक अमला व्यवस्था बनाने में जुटा हुआ है। वहीं व्यवस्था बनाने जिले की संपूर्ण प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपे गए हैं। इसी वर्ष मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है इसलिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रीवा आना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
नाराज चल रहे रोजगार सहायक
ग्राम रोजगार सहायक तथा सहायक सचिव अपनी मांगों को लेकर 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर हैं। प्रदेश के करीब 23 हजार रोजगार सहायक सचिव इस आंदोलन में शामिल हैं।
रोजगार सहायकों का अपनी मांगो के संबंध में कहना है कि उन्हें जिला संवर्ग सहायक सचिव में संविलियन कर नियमित किया जाए। साथ ही पंचायत सचिव के समकक्ष मानदेय 30 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए।
ग्राम रोजगार सहायकों का कहना है कि उनके लिए भी स्थानांतरण की नीति लागू की जाए तथा निलंबन की अवधि में गुजारे भत्ते की पात्रता सुनिश्चित हो। आकस्मिक दुर्घटना मृत्यु पर होने वाले अनुग्रह सहायक राशि 5 लाख रुपए तथा अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान हो।
इन सभी मांगों को लेकर प्रदेशभर के रोजगार सहायक तथा सहायक सचिव आंदोलन कर रहे हैं। रोजगार सहायकों का कहना है कि रीवा आ रहे देश के प्रधानमंत्री अगर इस ओर भी अपना ध्यान आकृष्ट करें तो उनकी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
अब आश्वासन नहीं आदेश दे सरकार : अमित
के दौरान रोजगार सहायक संगठन के अध्यक्ष अमित प्रभाव पांडे का कहना है कि प्रदेश के रोजगार सहायको की मांगों पर कई बार सरकार द्वारा केवल आश्वासन दिया गया। लेकिन अब उन्हें आश्वासन नहीं आदेश का इंतजार है। रोजगार सहायक पंचायती राज व्यवस्था कि आहम और मुख्य कड़ी हैं। आज बिना रोजगार सहायक के गांव में लागू होने वाली योजनाएं चाहे वह केंद्र की हो या फिर राज्य सरकार की मूर्तिरूप नहीं ले पाएंगे। कंप्यूटर से जुड़े हुए सारे कार्य आज रोजगार सहायकों के कंधे पर है।
उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार सुशासन दिवस पंचायत राज दिवस मनाने जा रही है। लेकिन ग्राम पंचायतों के कार्य में लगे सेवको को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। रोजगार सहायक वर्ष 2011 से अल्प मानदेय पर सरकार की सभी योजनाओं को पूरा करने में तन मन से जुटे हुए हैं। ऐसे में सरकार से उनकी मांग है कि उनकी मांगों को अविलंब पूरा किया जाए।