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सीमांकन में लापरवाही पर HC की तल्ख़ टिप्पणी: त्योंथर SDM को फटकार, कहा- "रीवा में सब अधिकारी मस्त हैं"

हाईकोर्ट ने त्योंथर SDM को लगाई फटकार: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित पीठ ने रीवा जिले के त्योंथर तहसील में जमीन सीमांकन के एक मामले में हो रही अत्यधिक देरी और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान त्योंथर के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) यानी एसडीएम संजय जैन को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने रीवा जिले के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर बेहद तल्ख़ और व्यंगात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, "रीवा में सभी अधिकारी मस्त हैं।"
क्या है पूरा मामला?
यह मामला रीवा जिले की त्योंथर तहसील के ग्राम मझिगवां निवासी कुशवाहा परिवार की जमीन के सीमांकन से जुड़े विवाद का है। पीड़ित परिवार लंबे समय से अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए प्रयासरत था, लेकिन प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही थी। मामला उच्च न्यायालय पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान एसडीएम संजय जैन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे।
SDM के स्पष्टीकरण से कोर्ट नाराज
एसडीएम संजय जैन ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए देरी का कारण बताया कि 26 मार्च को सीमांकन के लिए निर्धारित राजस्व निरीक्षक (आरआई) का एक्सीडेंट हो गया था, जिस कारण सीमांकन नहीं हो पाया। इस स्पष्टीकरण पर न्यायालय ने गहरी नाराजगी जताते हुए एसडीएम से पूछा कि यदि एक राजस्व निरीक्षक (RI) उपलब्ध नहीं था, तो उसकी जगह तत्काल दूसरे आरआई की नियुक्ति क्यों नहीं की गई? कोर्ट ने इसे कर्तव्य के प्रति लापरवाही माना।
प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
इसी दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से उपस्थित वकील ने न्यायालय को अवगत कराया कि सीमांकन के लिए जारी किया गया नोटिस भी केवल व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया था और कोई भी अधिकारी या कर्मचारी भौतिक रूप से मौके पर उपस्थित नहीं हुआ, जो कि प्रक्रियात्मक रूप से गलत है। इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने एसडीएम संजय जैन को निर्देश दिया कि वे नोटिस तामील होने की पावती (Proof of Delivery) तत्काल फैक्स के माध्यम से दोपहर ढाई बजे तक न्यायालय को प्रस्तुत करें।
त्योंथर तहसील में सीमांकन के सैकड़ों मामले लंबित: सौरभ मिश्र
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जनपद त्योंथर के पूर्व उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता सौरभ मिश्र ने कहा कि यह कोई अकेला मामला नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि त्योंथर तहसील में जमीन सीमांकन के सैकड़ों मामले वर्षों से लंबित पड़े हैं और राजस्व अधिकारियों की मनमानी और लचर कार्यप्रणाली के कारण आम किसान व भू-स्वामी अत्यधिक परेशान हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तहसीलों में शाम को स्टे ऑर्डर जारी होते हैं और रात में वही आदेश रहस्यमय तरीके से रद्द कर दिए जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका भी गहराती है।