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Rewa : नर्सों के आंदोलन में बढ़ रहा समर्थक, 650 नर्सों ने दिया धरना, 80 वार्ड सर्वेंट भी शामिल
Rewa / रीवा। नर्सों के आंदोलन में समर्थन का शिलसिला दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज की नर्सों के आंदोलन में शामिल हुई जिला चिकित्सालय की नर्सो के बाद अब अस्पताल के 80 वार्ड सर्वेंट भी शामिल हो गये है। वही जानकारी मिल रही है कि अस्पताल के आउट सोर्स चतुर्थश्रेणी कर्मचारियो ने भी ज्ञापन देकर 48 घंटे में वेतन बढ़ाने की मांग की है। वही वेतन न बढ़ने पर नर्सों के साथ आंदोलन में शामिल होने की धमकी दी है।
नर्सों के आंदोलन में चले जाने से अस्पतालो की व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। अस्पताल में भर्ती रोगियां को समय पर दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं। वहीं अन्य सुविधाओं पर भी असर पड़ रहा है।
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के सम्बद्ध संजय गांधी चिकित्साल, गांधी मेमोरिल अस्पताल तथा सुपर स्पेशलिटीए अस्पताल में कार्यरत सभी नर्सों ने काम बंद कर दिया। नर्सों के हडताल पर चले जाने से चिकित्सकीय व्यवस्था चरमरा गई। ऐसे में मेडिकल कालेज के डीन डॉ मनोज इंदूलकर ने प्राइवेट कालेज की नर्सों को काम पर लगाया। वहीं जूनियर डाक्टर पहले से ज्यादा समय तक काम कर रोगियों की देखभाल में लगे हुए है।
आज छतरी आंदोलन, कल से भंडारा
आंदोलन के तीसरे दिन शुक्रवार को 650 नर्सों ने छतरी लगाकर आंदोलन में हिस्सा लिया। नर्सों के धरना स्थल पर आज ’इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो न’ गाना गूंजता रहा। नर्सों का कहना है कि बिन मागें पूरी हुए वह वापस नही जायेंगी।
शुक्रवार को नर्सों का आंदोलन 5 घंटे तक चला उसक बाद ज्यादातर लोग चले गये। शनिवार को धरना स्थल पर ही भंडारे का आयोजन किया जायेगा। इस सम्बंध में कहा जा रहा है कि आंदोलन में शामिल होने के बाद दोपहर के समय भोजन के लिए जाना पड़ता है।
नर्सों की मांग पर एक नजर
जानकारी के अनुसार नर्स काफी समय से अपनी मागों को लेकर सरकार को सचेत कर चुकी है। लेकिन इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दी गई। नर्सों ने अपनी मांग में कहा है कि ग्रेड पे, इंक्रीमेंट, नाइट अलाउंस बढ़ाया जाय। वही नर्सों की मांग है कि नर्सों का पदनाम बदला जाय। नर्सो का कहना है कि केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में नर्सेज ऑफिसर के नाम से इन्हें जाना जाता है। जिसके चलते इनके मानदेय में भी बढ़ोतरी होती है। इसलिए पदनाम बदलने की मांग भी नर्सेज सालों से करती आ रही है।
डीन जारी कर चुके हैं पत्र
जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज के डीन डॉ मानोज इंदूलकर ने 30 जून को एक पत्र जारी करते हुए नर्सों को काम पर लौटने के लिए कहा है। जारी पत्र में कहा गया है कि नर्सों को हडताल पर जाने के लिए प्रतिबंधित किया गया था उसके बाद भी नियम तोडते हुए हडताल किया जा रहा है। जो नियमानुसार गलत हैं।