- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- पूर्व विधायक ने दो...
पूर्व विधायक ने दो महीने में छोड़ी भाजपा: अभय मिश्रा ने इस्तीफा दिया, कहा- क्षेत्र की जनता चाहती है कांग्रेस से चुनाव लड़ूं
दो माह पहले कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने फिर बीजेपी छोड़ दिया है। बुधवार की शाम मिश्रा ने सोशल मीडिया पर इस्तीफा डाला है। इसके पहले कांग्रेस के पूर्व रीवा लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ राज तिवारी ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
अभय मिश्रा और उनकी पत्नी रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी और 2018 में मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के खिलाफ रीवा विधानसभा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मिश्रा को हार का सामना करना पड़ा। यह भी पढ़ें: भाजपाई हुए कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं, कांग्रेस ने त्योंथर से टिकट नहीं दिया
दो माह पहले ही वे कांग्रेस और नेताओं पर बड़े आरोप लगाते हुए भाजपा में आए थे। इस दौरान चुनाव लड़ने के मीडिया के सवाल पर उन्होने कहा था, कि वे पार्टी (भाजपा) में रहते हुए जनता की सेवा करना चाहते हैं, वे चुनाव लड़ने या विधायक बनने के लिए भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं और न ही उनकी चुनाव लड़ने की मंशा है।
अब महज कुछ दिनों में ही उनका भाजपा से मोहभंग हो गया है। राजनीति के जानकार इसके पीछे की वजह अभय मिश्रा एंड फैमिली को भाजपा से टिकट न मिलना बता रहें हैं। टिकट की आस टूटते ही मिश्रा का दिल टूट गया। उन्होने अपने त्याग पत्र पर आरोप लगाया है कि सीएम शिवराज ने हाथ में जल उठाकर टिकट देने का वादा किया था। लेकिन राजेन्द्र शुक्ल के दबाव में आकर वादाखिलाफी कर रहें हैं और केपी त्रिपाठी को टिकट दे रहें हैं।
मेरा विवेक नष्ट हो गया था
दावा किया जा रहा है कि मिश्रा कुछ दिनों से दिल्ली से लेकर भोपाल तक कांग्रेस नेताओं का चक्कर काट रहें थे। भाजपा की सदस्यता से दिए हुए त्यागपत्र पर मिश्रा ने लिखा, कमलनाथ ने मुझे पहले ही टिकट का आश्वासन दे दिया था। लेकिन मेरा ही विवेक नष्ट हो गया था और मैंने भाजपा जॉइन कर लिया। क्षेत्र कि जनता कांग्रेस के साथ है, इसलिए मुझे महसूस हुआ कि मुझे अब जनता के साथ चलना चाहिए।
सेमरिया प्रत्याशी के नाम घोषित नहीं
अब तक दोनों पार्टियों ने सेमरिया के प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। एक दो दिन में कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी के नाम जारी हो सकते हैं।
अभय मिश्रा का सियासी सफर
अभय मिश्रा भाजपा और कांग्रेस में आते जाते रहें हैं। 2008 में सिरमौर से अलग होकर नई विधानसभा बनी सेमरिया से वे भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। 2013 में उनकी पत्नी सेमरिया से विधायक रहीं। 2018 में अभय मिश्रा कांग्रेसी हो गए और भाजपा ने पत्नी को टिकट नहीं दिया। इसके बाद उनकी पत्नी ने भी भाजपा छोड़ दिया। 2018 में मिश्रा ने रीवा विधानसभा से राजेन्द्र शुक्ल के खिलाफ पंजा चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 11 अगस्त 2023 को भाजपा में लौटे। कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। लेकिन 18 अक्टूबर 2023 को फिर भाजपा से इस्तीफा दे दिया।