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सफलता की कहानी: मजबूरी में छोड़नी पड़ी CRPF की नौकरी, आज खेती कर रीवा के 'अश्वनी' कमा रहे 12 लाख सालाना
सफलता की कहानी: पारिवारिक परिस्थितियों ने जिंदगी में कुछ ऐसा बदलाव किया किया कि न चाहते हुए भी अच्छी खासी सीआरपीएफ की नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा। नौकरी छोड़ने के बाद शायद ही किसी को इस बात का एहसास हुआ होगा कि रीवा के अश्वनी शुक्ला अपनी किस्मत को बदल सकेंगे।
लेकिन अपनी मेहनत, सकरात्मक सोच के बल पर किसान ने आखिरकार अपनी मंजिल पा ही ली। आज की स्थिति यह है कि कभी सीआरपीएफ की नौकरी करने वाला अश्वनी आज खेती किसानी कर 12 लाख से अधिक की आय प्राप्त कर रहा है।
गौरतलब है कि हुजुर तहसील के पड़ोखर गांव के निवासी अश्वनी शुक्ला जब नौकरी छोड़ कर आए तब उनके पास खेती के सिवा कुछ काम नहीं था। खेती शुरू भी की। लेकिन धान-गेहूं की खेती में फायदा समझ में नहीं आया। इसके बाद रकबे को प्याज और आम-अमरूद मेंं बदल दिया। आज उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
लोगों को दे रखा है रोजगार
बताया गया है कि किसान अश्वनी खेती से खुद को तो फायदा पहुंचा ही रहे हैं साथ ही तकरीबन आधा दर्जन लोगों को रोजगार भी दे रखा है। लोगां को रोजगार देने से जहां इन ग्रामीणों को मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता इन श्रमिकों को अच्छी खासी आय भी प्राप्त हो जाती है।
जैविक खेती
नौकरी छोड़ कर आने के बाद अपने शुरूआती दौर में अश्वनी रासायनिक खेती किया करते थे। पिछले तीन सालों से अश्वनी से अपनी खेती में परिवर्तन करते हुए अब पूरी तरह से जैविक खेती शुरू कर दी है। अश्वनी वर्मी कंपोस्ट खुद ही तैयार करते है। बीज भी घर पर ही तैयार किया जाता है।
कैसे आया प्याज का विचार
अश्वनी की माने तो नौकरी से इस्तीफा देने के बाद जब वह अपने गांव आए तो गेहूं, धान, चना की खेती शुरू की। इसी बीच उनका संपर्क कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से हुआ। वैज्ञानिकों के सुझाव के बाद अश्वनी से प्याज, अमरूद और मुनगा की खेती शुरू की। इस प्रकार प्याज की खेती से ही किसान को लाखों की आय हो रही है।