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रीवा: 102 आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में नहीं पहुंचा खाद्यान्न, 5000 छात्रों पर खाने का संकट

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Rewa MP News: रीवा जिले मे आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 102 छात्रावास संचालित है। इन 102 छात्रावास में जूनियर, सीनियर, पोस्टमैट्रिक आदि छात्रावास आते हैं।

Rewa MP News: रीवा जिले मे आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 102 छात्रावास संचालित है। इन 102 छात्रावास में जूनियर, सीनियर, पोस्टमैट्रिक आदि छात्रावास आते हैं।

इन छात्रावास में तकरीबन 5 हजार छात्र रहते हैं। यहां रह रहे छात्रों के सामने खाने का संकट मंडराया हुआ है। बताते हैं कि पिछले चार माह से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध कराया जाने वाला खाद्यान्न विगत चार माह से नहीं मिल पाया है। इसके कारण ऐसे बच्चों के समक्ष खाने का संकट आ गया है।

सूत्रों की माने तो छात्रावास में खाद्यान्न न पहुंचने के कारण उधारी से काम चलाया जा रहा है। इस संबंध में बताया गया है कि विगत सितंबर माह से इनके लिए उपलब्ध कराया जाने वाला गेहूं और चावल नहीं मिल पाया है। खाद्य विभाग द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन विभाग द्वारा कई माह से छात्रावासों में खाद्यान्न पहुंचाया ही नहीं गया।

क्या है नियम

विभागीय सूत्रों की माने तो आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों के बच्चों के लिए 12 किलो गेहूं और 3 किलो चावल देने का नियम है। यह व्यवस्था मिलने वाली 21 रूपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से छात्रवृत्ति की राशि से कराई जाती है। इसके बावजूद समय पर खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

अधिकारियों की लापरवाही

बताया गया है कि छात्रावासां में व्यवस्था को लेकर विगत माह जिला पंचायत सदस्य एवं महिला बाल विकास समिति की अध्यक्ष नीता सुमन के साथ-साथ उपायुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा बैठक ली जा चुकी है।

इस बैठक में छात्रावास अधीक्षक खाद्यान्न वितरण व्यवस्था का मुद्दा भी उठा चुके हैं। अधीक्षकों द्वारा जिला संयोजकों को ज्ञापन भी दिया जा चुका है। इसके बावजुद और जिम्मेदारों द्वारा समस्या के निराकरण की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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