- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- Black Fungus Infection...
Black Fungus Infection से रीवा में पहली मौत / सतना की महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ा, एक युवक की हालत गंभीर
कोरोना संक्रमण से ठीक होकर घर गए मरीजों पर ब्लैक फंगस इन्फेक्शन का खतरा मंडराने लगा है. पीडि़त अब तक मामलों को दबा कर रखे थे, लेकिन अब अस्पताल भागने लगे हैं. ब्लैक फंगस के एक दर्जन मरीज रीवा में मिल चुके हैं. कई अस्पताल में भर्ती है.
रीवा. कोरोना के बाद अब Black Fungus Infection ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के चलते रीवा में पहली मौत हुई है.
सतना के मैहर की एक महिला ने सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल (Super Specialty Hospital, Rewa) में दम तोड़ दिया है. वहीं रीवा के ही एक युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है. जिले में अभी तक दर्जन भर ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के मरीज मिल चुके हैं.
रीवा में ब्लैक फंगस इन्फेक्शन से पहली मौत
शनिवार को सुपर स्पेशलिटी में पहली मौत हुई. मरने वाली मरीज महिला थी. इन्हें शुक्रवार को सतना से रेफर किया गया था. महिला के जबड़े तक इन्फेक्शन पहुंच गया था. जबड़ा काला हो गया था. सुपर स्पेशलिटी के स्पेशल वार्ड में इन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया गया था. अस्पताल में भर्ती हुए कुछ ही घंटे बीते थे कि महिला ने शनिवार की सुबह दम तोड़ दिया. यह रीवा में फंगस इन्फेक्शन से पहली मौत है.
इनकी हालत खराब
कोविड वार्ड में रीवा का ही एक युवक भी भर्ती है. इनके भी फंगस इन्फेक्शन मिला है. आईसीयू में मरीज को रखा गया है. इनके नाक से खून बहना शुरू हो गया है. इनकी हालत धीरे धीरे खराब होती जा रही है.
वहीं एक युवक शनिवार को संजय गांधी अस्पताल पहुंचा है. इनमें भी फंगस इन्फेक्शन के लक्षण मिले हैं. एमआरआई कराने के बाद मरीज को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया है.
सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के सेकंड फ्लोर में बनाया गया है वार्ड
फंगस इन्फेक्शन से संक्रमित मरीजों की जांच और इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी के सेकंड फ्लोर में वार्ड बनाया गया है. यहां करीब 70 बेड उपलब्ध कराए गए हैं.
अब सर्वे कर सभी मरीजों को चिन्हित करने के बाद उन्हें सुपर स्पेशलिटी वार्ड में भेजा जा रहा है. अब तक एक दर्जन भर मरीज चिन्हित हो चुके हैं.
सब पर मंडरा रहा खतरा
कोविड पॉजिटिव मरीज जो सीरियस थे, उन सब पर खतरा मंडराने लगा है. ज्यादा समय तक ऑक्सीजन में रहने वाले व स्टेराइड का डोज लेने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने लगे हैं.
धीरे-धीरे ऐसे मरीज अब सामने आ रहे हैं. अब तक मरीज मर्ज को दबा कर रखे थे लेकिन जैसे ही ब्लैक फंगस का प्रकरण सामने आया, सब अस्पताल की दौड़ लगा दिए हैं.