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रीवा शहर काजी के खिलाफ फतवा: दो बच्चों की मां ने फोन पर पति को तलाक-तलाक-तलाक कहा, काजी ने दूसरा निकाह करा दिया; जानिए क्या है मामला...

रीवा शहर काजी के खिलाफ फतवा: दो बच्चों की मां ने फोन पर पति को तलाक-तलाक-तलाक कहा, काजी ने दूसरा निकाह करा दिया; जानिए क्या है मामला...
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रीवा में एक मुस्लिम महिला ने अपने पति को फोन पर तीन तलाक दे दिया। शहर काजी ने उसकी दूसरी शादी कराई, जिससे पहला पति और पिता नाखुश हैं और पुलिस व मुफ्तियों से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के रीवा में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम महिला ने अपने पति को फोन पर तीन तलाक दिया और शहर काजी ने उसकी दूसरी शादी करवा दी। महिला का पहला पति और पिता पिछले चार महीने से इस मुद्दे पर न्याय की तलाश में पुलिस और मुस्लिम धर्म गुरुओं के पास जा रहे हैं।

तलाक और दूसरी शादी का मामला

महिला के पति मोहम्मद अजीज (निवासी बिछिया) ने बताया कि उनकी शादी 2011 में हुई थी और उनके दो बच्चे हैं, जो 9 और 11 साल के हैं। कई सालों तक सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन 27 मार्च को अचानक उनकी पत्नी ने फोन पर तीन बार तलाक कह दिया। इसके बाद पता चला कि शहर काजी ने 9 जून को महिला की दूसरी शादी करवा दी है।

महिला के पिता ने शहर काजी पर आरोप लगाए

महिला के पिता शेख इस्लामुद्दीन ने कहा कि उनकी बेटी और दामाद पहले अच्छे से रह रहे थे। लेकिन छह महीने पहले, महिला शहर काजी के संपर्क में आई और उन्होंने उसे जन्नत के सपने दिखाकर बहकाया। इसके बाद बिना पति और पिता की सहमति के उसकी दूसरी शादी करवा दी गई।

रीवा शहर काजी के खिलाफ इलाहाबाद से फतवा जारी

महिला के पिता और पहले पति ने इलाहाबाद के मुफ्ती शफीक अहम शरीफी से इस मामले पर सलाह ली। मुफ्ती ने रीवा शहर काजी के खिलाफ फतवा जारी किया कि महिला का दूसरा निकाह गलत है और इस्लाम में इसकी कोई मान्यता नहीं है।

शरीयत के हिसाब से ही फैसला लिया है: शहर काजी

शहर काजी मुफ्ती मुबारक हुसैन का कहना है कि महिला ने मौखिक तलाक दिया था और इसलिए उन्होंने उसकी दूसरी शादी करवाई। काजी के अनुसार मौखिक तलाक मान्य है और उन्होंने शरीयत के हिसाब से ही फैसला लिया है।

पुलिस का बयान

रीवा एसपी विवेक सिंह का कहना है कि मौखिक तलाक मान्य नहीं है। नए कानून के अनुसार, तलाक की लिखित प्रक्रिया अनिवार्य है। शहर काजी के बयान की जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।

कानूनी विशेषज्ञ की राय

एडवोकेट वीके माला का कहना है कि संविधान में संशोधन के बाद मौखिक, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया के माध्यम से तलाक मान्य नहीं है। तलाक की एक वैधानिक प्रक्रिया होती है जिसे न्यायालय में पूरी करनी होती है।

महिला का पक्ष

महिला का कहना है कि उसके पहले पति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए उसने तलाक दिया और दूसरा निकाह कर लिया। वह अब अपने दूसरे पति के साथ खुश है।

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