रीवा

सोयाबीन खरीदी में लिमिट से किसान नाराज: सतना में किसान से खरीदी कम, रीवा में होगी ज्यादा

सोयाबीन खरीदी में लिमिट से किसान नाराज: सतना में किसान से खरीदी कम, रीवा में होगी ज्यादा
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मध्य प्रदेश में सोयाबीन की सरकारी खरीदी पर 100 क्विंटल की सीमा तय किए जाने से किसानों में नाराजगी है। किसानों का कहना है कि इससे बड़े किसानों को नुकसान होगा।

रीवा / सतना। मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा सोयाबीन की खरीदी पर 100 क्विंटल की सीमा तय किए जाने से किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि इससे बड़े किसानों को नुकसान होगा, जिनके पास ज्यादा जमीन है और वे 100 क्विंटल से ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन करते हैं।

जिलेवार तय होगी उत्पादकता

सोयाबीन की खरीदी जिलेवार तय उत्पादकता के आधार पर की जाएगी। अगर किसी जिले में सरकार ने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 10 क्विंटल रखी है तो भले ही उस जिले के किसान के एक हेक्टेयर खेत में 15 क्विंटल सोयाबीन का उत्पादन हुआ हो, लेकिन सरकार उससे 10 क्विंटल सोयाबीन ही खरीदेगी। लेकिन जिन जिलों में उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 8 क्विंटल से कम है, वहां किसान से प्रति हेक्टेयर 8 क्विंटल के हिसाब से खरीदी होगी।

सतना और रीवा में अलग-अलग होगी खरीदी

सतना जिले की उत्पादकता 6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और रीवा जिले की उत्पादकता 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तय है। इस हिसाब से सतना का किसान एक हेक्टेयर में अधिकतम 8 क्विंटल सोयाबीन बेच सकेगा, जबकि रीवा का किसान 15 क्विंटल सोयाबीन बेच सकेगा।

किसानों ने जताई नाराजगी

किसानों का कहना है कि सरकार ने सोयाबीन खरीदी में किसानों के साथ छल किया है। 100 क्विंटल की सीमा नहीं लगानी चाहिए थी। उनका यह भी कहना है कि उत्पादकता का आंकड़ा भी सही नहीं है।

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