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रीवा के आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में सुविधाएं तो बढ़ीं किंतु बना रहता है एक्सरे फिल्म व लिफाफों का टोटा
मध्यप्रदेश के रीवा स्थित आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय निपनिया में पुरानी पद्धति के अनुसार रोगियों को उपचार दिया जाता रहा है। अब इसमें आधुनिक तकनीकी का समावेश भी तेजी से बढ़ रहा है। यहां मरीजों को आधुनिक सुविधाएं भी मिल गई हैं जिसमें एक्सरे, सोनोग्राफी, खून की जांच, ईसीजी आदि शामिल हो गई है। अस्पताल को लम्बे अंतराल के बाद एक्सरे मशीन मिली लेकिन यहां फिल्म और लिफाफे का हमेशा टोटा बना रहता है।
आर्टीफिशियल ह्यूमन बॉडी से करते हैं पढ़ाई
40 साल पुराने हो चुके इस चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र.छात्राओं को आज तक मानव शरीर के माध्यम से पढ़ाई करने का अवसर नहीं मिला है। यह बात अलग है कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार छात्र-छात्राओं को श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में लेक्चर का मौका मिल जाता था। वहीं दूसरी तरफ आर्टीफिशियल ह्यूमन बॉडी ही इनकी पढ़ाई का सशक्त माध्यम बने हुए हैं। वर्तमान में चिकित्सा सुविधा में काफी कुछ बदलाव होता जा रहा है। जिसमें टेलीपैथी भी शामिल हो चुकी है। जबकि आयुर्वेद यानी जड़ी बूटियों के माध्यम से उपचार देने वाले बीएएमएस के छात्र-छात्राओं को अभी भी बहुत कुछ आधुनिक तकनीकी की जरूरत महसूस की जा रही है। आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में शासन द्वारा मरीजों के बेहतर उपचार को लेकर पर्याप्त राशि का आवंटन किया गया। जिसमें नया ओपीडी भवन बनकर तैयार किया गया और इस भवन में कुछ आधुनिक सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं।
काफी मशक्कत के बाद शुरू हो सकी एक्सरे मशीन
आयुर्वेद महाविद्यालय निपनिया में एक्सरे मशीन बड़ी मशक्कत के बाद शुरू हो पाई। जाहिर सी बात है कि अपने मरीज को बेहतर उपचार देने के लिए सभी चिकित्सक एक्सरे करवा रहे हैं। किन्तु यहां पर दुःखद पहलू यह है कि अस्पताल में प्रतिदिन 30 से 50 एक्सरे होते हैं। जिनकी रिपोर्ट बनाने के लिए अस्पताल के पास कोई अनुभवी व्यक्ति नहीं है। ऐसे में एक्सरे फिल्म को अस्पताल के बाहर भेजा जाता है। जहां तय जगह से एक्सरे की जांच करने के बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा संक्षिप्त टीप दी जाती है जिसे रिपोर्ट माना जाता है। ऐसे में मरीज के उपचार में विलंब होना स्वाभाविक हैं। यहां मरीजों की सुविधाओं में इजाफा तो किया गया किंतु इसका लाभ उन्हें सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है।