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APS University: रीवा में विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर जमे अतिक्रमणकारियों की अब खैर नहीं, कुलसचिव ने कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
एमपी के रीवा स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की सैकड़ों एकड़ जमीन पर भू-माफिया ने पहले ही कब्जा जमा रखा है। अतिक्रमण हटाने के लिए केवल सीमांकन तक ही कार्रवाई सीमित होकर रह जाती है लेकिन बेजा कब्जा नहीं हट पाता। इसके लिए न तो राजस्व का सहयोग मिल पाता और न ही अधिकारी इस पर कार्रवाई करने रुचि लेते हैं। कुछ स्थानों पर विवि ने सीमांकन कराकर अपनी सीमा निर्धारित कर ली है तो दूसरी ओर अब मुख्य गेट पर ही गुमटी रखकर बेजा कब्जा कर लिया गया जिसकी वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं तो वहीं विश्वविद्यालय की सुंदरता पर भी ग्रहण लग रहा है। इन अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कुलसचिव ने आयुक्त नगर निगम को पत्र लिखा है।
भव्य बनाया जा रहा एपीएसयू का मुख्य द्वार
बताया गया है कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार काफी भव्य बनाया जा रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय का परिसर काफी सुंदर व अच्छा होगा। वहीं करोड़ों की लागत से बाउंड्रीवाल व अन्य निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। बताया गया है कि मुख्य द्वार के सामने 2सौ मीटर पश्चिम और 2सौ मीटर पूर्व की ओर कम्प्यूटर व चाय की दुकान खोलकर गुमटी वालों ने अवैध कब्जा जमा लिया। स्थिति यह है कि विश्वविद्यालय के बाहर अतिक्रमण होने से वहां पर सुंदरता नजर नहीं आती है। इतना ही नहीं कई बार विवि प्रबंधन ने इन्हें हटाए जाने की कार्रवाई भी की लेकिन कोई कारगर परिणाम नहीं निकला। धीरे-धीरे और भी दुकानदारों ने वहां पर कब्जा जमा लिया। शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने आयुक्त नगर निगम को एक पत्र लिखकर कहा है कि विश्वविद्यालय के सामने जमे अवैध अतिक्रमण को हटाया जाना उचित होगा जिससे विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।
नैक पर पड़ेगा असर
कुलसचिव ने अपने पत्र में कहा है कि आगामी दिनों में विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने के लिए नैक टीम आने वाली है। जिस तरह से सड़क के दोनों तरफ 2सौ मीटर की परिधि में संचालित अस्थायी दुकानें जमा ली गई हैं उससे नैक मूल्यांकन पर सीधा असर पड़ेगा। खासतौर पर जहां विश्वविद्यालय की छवि खराब होगी तो वहीं नैक से मिलने वाले मूल्यांकन भी कम हो जाएंगे। पत्र में उन्होंने कहा है विवि के गेट के सामने पान, सुपाड़ी, गुटखा, चाय, ऑनलाइन कम्प्यूटर की दुकानें अतिक्रमण कर संचालित हो रही हैं। ऐसे में इस अतिक्रमण हो हटाना अति आवश्यक हो गया है।