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गेहूं निर्यात पर लगे प्रतिबंध का असर रीवा गल्ला मंडी में भी, व्यापारी नहीं कर रहे उठाव, शेड फुल
देश के अंदर गेहूं के दाम नियंत्रित करने तथा समर्थन मूल्य पर पर्याप्त खरीदी न होने पर देश के प्रधानमंत्री ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बंदरगाहों पर लाखों क्विंटल अनाज पड़ा हुआ है तो वही इस रोक का असर मध्य प्रदेश के रीवा मंडी में भी दिखाई दे रहा है। रीवा के गल्ला व्यापारियों ने धड़ाधड़ गेहूं की खरीदी की और सीधे आगे के व्यापारियो के यहां भेजते गये। लेकिन निर्यात पर प्रतिबंध के बाद व्यापारियों ने भाड़ा बचाने के लिए मंडी सेड को ही गोदाम बना लिया। वहां से उठाव नहीं कर रहे है। ऐसे में मंडी आने वाले किसानो को अपना अनाज रखने के लिए जगह ही नहीं बची।
मंडी सेड में पैर रखने की जगह नहीं
रीवा गल्ला मंडी में किसानों को अनाज बेचने के लिए बनाए गए सेड में गल्ला खरीदी करने वाले व्यापारियों ने कब्जा जमा रखा है। आज हालत यह है कि गल्ला मंडी के सेड में पैर रखने तक की जगह नहीं है। व्यापारी क्यों विदेश ना जाने का हवाला देकर गेहूं का उठाव नहीं कर रहे। जिन किसानों के लिए वह सेट बनवाए गए हैं वहां किसानों के लिए जगह नहीं बची है।
जवाबदारी किसकी
किसान गेहूं को सेड के बाहर डंप करने को मजबूर है। वहीं इस समय मौसम खराब चल रहा है। किसानों का गेहूं या अन्य अनाज भीग जाने के बाद व्यापारी उसे तौलने के लिए तैयार नहीं होते। चाहे उस अनाज की विधिवत डाक ही क्यों ना हो गई हो। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह जवाबदारी किसकी है।
अधिकारी कर रहे कोरी घोषणा
गेहूं का उठाव आज होगा। मंडी प्रशासन किसान को रोज यही भरोसा दे रहा है कि आज नहीं कल सेड खाली हो जायेगा। आप लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अब दो दिनो का समय दिया गया है देखते हैं दो दिनो में सेड से कितना व्यापारियों का अनाज उनके गोदाम पहुंचता है।
पहले भी था यही हाल
अगर मंडी में काम करने वाले मजदूरों, पल्लेदारों, किसानों तथा बया कि माने ते पता चलता है कि सेड में अनाज के रखने का क्रम बहुत पुराना है। खरीदी के बाद व्यापारी को अनाज का उठाव कर लेना चाहिए। लेकिन ऐसा रीवा गल्ला मंडी में नही होता है। यहां मडी प्रशासन की मिलीभगत से व्यापारी मनमानी तरीके से अनाज का उठाव करते हैं।
बैठक में हुआ तय
किसान अपनी उपज लेकर मंगलवार को मंडी पहुंचे। लेकिन व्यापारी डाक करने के लिए तैयार नही हो रहे थे। मंडी के बया किसानों का गेहूं रखवा तो दिये लेकिन डाक होगी या नही इसके लिए कोई सार्थक जवाब नही दे रहे थे। किसान मंडी कार्यालय पहुंचे जहां बैठक की गई। जिसमें व्यापारी, बया किसान तथा मंडी अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि डाक होगी। किसानो का अनाज खरीदा जायेगा। वहीं यह भी कहा गया कि व्यापारी गोदाम के इंतजाम में लगे हैं। बहुत जल्दी उठाव किया जायेगा। वहीं मंडी सचिव नागेश्वर कोल से बात करने के लिए कई बार फोन लगाया गया। लेकिन उनका फोन नही उठा। जिसके बाद निरीक्षक श्री शुक्ला से बात की गई।
मंडी निरीक्षक विष्णु शुक्ला
गल्ला मंडी रीवा