- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- रीवा में नशीली दवाओं...
रीवा में नशीली दवाओं का कारोबार पकड़ा गया, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
मध्य प्रदेश के रीवा में नशीली दवाओं का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है, जिसमें उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से रीवा तक फैले नशे के जाल का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से लाखों की नशीली कफ सिरप जब्त की है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस गिरोह के सरगना तक पहुंचने के प्रयास में लगी हुई है, ताकि इस नेटवर्क का पूरी तरह से खात्मा किया जा सके।
मुखबिर की सूचना से पकड़ में आया गिरोह
चाकघाट पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि प्रयागराज से रीवा आ रहे कुछ वाहनों में नशीली सामग्री लाई जा रही है। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वाहनों की जांच शुरू की। इस दौरान दो कारों में भारी मात्रा में नशीली कफ सिरप मिली, जिसे पुलिस ने तुरंत जब्त कर लिया। इन वाहनों से 16 पेटियों में भरी 1,920 शीशियां बरामद की गईं, जिनकी बाजार कीमत लगभग 3.26 लाख रुपये बताई जा रही है। जब्त की गई कुल सामग्री की कीमत करीब 25.50 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस ने दोनों वाहनों को भी जब्त कर लिया है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
वाहन पर लिखवाया था 'पुलिस'
गिरफ्तार किए गए तस्करों ने अपने वाहन पर 'पुलिस' लिखवाया था ताकि वे किसी भी जांच के दौरान बच सकें। आरोपियों में से एक शशांक शेखर ने बताया कि उसके पिता शत्रुघ्न भारती पुलिस में कार्यरत हैं, इसलिए उसने पुलिस का नाम लिखवाया था। पुलिस अब शत्रुघ्न भारती की भूमिका की भी जांच कर रही है और यदि जरूरत पड़ी तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
सागर के सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद सक्रिय हुए नए तस्कर
कुछ समय पहले सागर जिले के एक बड़े नशीली दवाओं के सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद रीवा में नशीली कफ सिरप की मांग बढ़ गई है। नए तस्कर इस मांग को पूरा करने के लिए प्रयागराज से रीवा में अपना नेटवर्क फैला रहे हैं। हाल ही में की गई कार्रवाई के दौरान चार नए तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम राजू माझी उर्फ बृजेन्द्र, हीरेन्द्र पटेल, शशांक शेखर और सुमित सेन हैं। ये सभी तस्करी में लिप्त पाए गए हैं और अब पुलिस इनके अन्य संपर्कों का पता लगाने में जुटी है।
पैडलर्स पर कार्रवाई की कमी से बढ़ रही तस्करी
रीवा में नशीली कफ सिरप की तस्करी के पैडलर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। पुलिस की सख्ती न होने के कारण बाहरी सप्लाई की सामग्री की खपत तेजी से बढ़ रही है। शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां नशीली कफ सिरप आसानी से उपलब्ध है, और कुछ स्थानों पर नशे के आदी लोग खुलेआम नशा करते पाए जाते हैं। पुलिस की दबिश न होने के कारण ये गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं, जिससे नशे की समस्या विकराल रूप ले रही है।