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रीवा में फिर सामने आया डिजिटल अरेस्ट का मामला: व्यापारी से 10.73 लाख की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया केस

रीवा में फिर सामने आया डिजिटल अरेस्ट का मामला: व्यापारी से 10.73 लाख की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया केस
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रीवा में डेढ़ महीने में दूसरी बार डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया। इस बार ठगों ने एक व्यापारी को फर्जी एफआईआर और ऑनलाइन वर्क के बहाने 10.73 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

मध्य प्रदेश के रीवा शहर में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेढ़ महीने के अंदर ही डिजिटल अरेस्ट का यह दूसरा मामला सामने आया है। हालिया घटना में नेहरू नगर के व्यापारी नितिन वर्मा को ठगों ने डराकर और धमकाकर 10.73 लाख रुपये ऐंठ लिए। शनिवार को समान थाना पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज की है और जांच में जुट गई है।

फर्जी FIR और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी

CSP शिवाली तिवारी ने बताया कि ठगों ने व्यापारी नितिन वर्मा को पहले ऑनलाइन वर्क का झांसा दिया और फिर एक फर्जी FIR का हवाला देकर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया। ठगों ने वीडियो कॉल पर 6 घंटे तक व्यापारी को "डिजिटल अरेस्ट" का डर दिखाकर बड़ी रकम वसूल ली। दो चरणों में कुल 10.73 लाख रुपये की ठगी हुई।

कैसे की गई ठगी?

10 नवम्बर को सुबह 8 बजे, नितिन वर्मा के मोबाइल पर एक कॉल आया जिसमें कहा गया कि उनकी मोबाइल सेवा बंद हो जाएगी। कॉल ट्रांसफर होने पर दूसरे व्यक्ति ने खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताया और कहा कि वर्मा के खिलाफ दिल्ली में FIR दर्ज है, जिसमें 180 करोड़ रुपये की नशीली सामग्री खरीदने का आरोप है। इस भयावह जानकारी से व्यापारी हड़बड़ा गए और ठगों की बातों में आ गए। ठगों ने वर्मा से उनके सभी बैंक खातों की जानकारी मांगते हुए कहा कि सारे पैसे सेफ कस्टडी में जमा करवाएं। इस कारण वर्मा ने कई बार में विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए और 6 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रहे।

व्यापारी से पहले भी हो चुकी थी ठगी

यह पहली बार नहीं था जब नितिन वर्मा साइबर ठगी का शिकार हुए। 19 अक्टूबर को भी उन्हें ऑनलाइन वर्क का प्रलोभन देकर ठगा गया था। ठगों ने एक लिंक भेजी थी जिसके माध्यम से उन्हें छोटी रकम देकर विभिन्न ऑनलाइन टास्क करने का लालच दिया गया था। इस प्रक्रिया में वर्मा ने धीरे-धीरे बड़ी रकम ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दी। इस ठगी में उन्हें करीब 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ था।

रीवा में डिजिटल अरेस्ट के अन्य मामले

रीवा में इस तरह के साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। एक अन्य मामले में एक महिला को भी इसी प्रकार फर्जी डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाने की कोशिश की गई थी। महिला को फोन कर उसके आधार कार्ड से खोले गए बैंक खातों की जानकारी दी गई। हालांकि, महिला ने तुरंत साइबर सेल पहुंचकर मामले की सूचना दी, जिससे वह ठगी से बच गई।

पुलिस की अपील

CSP शिवली चतुर्वेदी ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, फर्जी FIR या डिजिटल अरेस्ट के धमकियों से सावधान रहें और इस तरह के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें। साइबर अपराध विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और जल्द ही ठगों को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।

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