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डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल की घोषणा: रीवा में बनेगा 200 बिस्तरों का कैंसर अस्पताल, स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार

रीवा में कैंसर अस्पताल की सौगात: मध्यप्रदेश के रीवा जिले के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने गुरुवार को घोषणा की कि रीवा में जल्द ही 200 बिस्तरों वाला एक आधुनिक कैंसर अस्पताल स्थापित किया जाएगा। इस घोषणा के साथ ही उन्होंने श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय और संजय गांधी अस्पताल का दौरा किया।
इस दौरान डिप्टी सीएम ने वहां उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को मरीजों के हित में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा। यह कदम रीवा और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
सुपर स्पेशियलिटी भवन और डॉक्टर्स क्वार्टर्स का निर्माण तेज
उपमुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान 35 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे सुपर स्पेशियलिटी विस्तार भवन और डॉक्टर्स क्वार्टर्स के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को साफ निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय पर पूरे हों, ताकि मरीजों को जल्द से जल्द बेहतर सुविधाएं मिल सकें। निर्माण एजेंसी को अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
अब रीवा में ही होगा कैंसर का इलाज
रीवा में कैंसर मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। बैठक में जानकारी दी गई कि 20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली कैंसर यूनिट का निर्माण अगले छह महीनों में पूरा हो जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य रीवा को स्वास्थ्य सुविधाओं का एक प्रमुख केंद्र बनाना है। इससे संभाग के मरीजों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। यह पहल न केवल समय और धन की बचत करेगी, बल्कि मरीजों को अपने क्षेत्र में ही गुणवत्तापूर्ण उपचार भी उपलब्ध कराएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में होगा व्यापक सुधार
उपमुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया। उनका कहना था कि रीवा को मध्यप्रदेश का हेल्थ हब बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसके लिए मानव संसाधन और तकनीकी संसाधनों की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा, ताकि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।