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रीवा मेडिकल कॉलेज में रोजाना 30 कोरोना संदिग्धों की हो रही जांच, सबसे गंभीर श्रेणी...
रीवा. रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में लगी कोरोना जांच मशीन में रोजाना लगभग 30 संदिग्धों की जांच हो रही है. सबसे अधिक गंभीर सी श्रेणी होती है, जिनमें सर्दी, खांसी के साथ-साथ सीने में दर्द, तेज बुखार, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप तथा अन्य गंभीर बीमारी के लक्षण होते हैं। आज कमिश्नर कार्यालय में संभागायुक्त के नेतृत्व में कोरोना से बचाव की समीक्षा की गई। इस दौरान कमिश्नर डॉ अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि कोरोना से जंग अभी बाकी है। रीवा तथा शहडोल संभाग में कोरोना से बचाव तथा उपचार के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। सभी स्तर पर इसके लिए उचित प्रबंध किए गए हैं। रीवा मेडिकल कॉलेज में मेडिकल काउंसिल के मापदण्डों के अनुसार कोरोना की जांच शुरू हो गई है। प्रतिदिन अधिकतम 30 नमूनों की जांच की जा रही है।
क्या है ए, बी और सी श्रेणी
कमिश्नर ने कहा कि रीवा में कोरोना का टेस्ट शुरू हो गया है। शीघ्र ही शहडोल मेडिकल कालेज में भी इसकी सुविधा हो जाएगी। कोरोना टेस्ट के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सभी संदिग्ध प्रकरणों की श्रेणी ए, श्रेणी बी तथा श्रेणी सी बनाकर जांच की जा रही है। श्रेणी ए में सामान्य सर्दी, खांसी के रोगी हैं जिन्हें इनके उपचार की दवा दी जा रही है। श्रेणी बी में सर्दी, खांसी तथा तेज बुखार से पीडि़त रोगी शामिल होते हैं। सबसे गंभीर श्रेणी सी के रोगी होते हैं जिनमें सर्दी, खांसी के साथ-साथ सीने में दर्द, तेज बुखार, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप तथा अन्य गंभीर बीमारी के लक्षण होते हैं।
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बुजुर्गो को विशेष ध्यान रखने के निर्देश
कमिश्नर ने बुजुर्गों तथा गंभीर रोगों से पीडि़तों की विशेष देखभाल रखने की अपील की। बच्चों, बुजुर्गों तथा परिवार के अन्य सदस्यों को रचनात्मक कार्यों से जोड़े। कहानियां तथा प्रेरक प्रसंग सुनाकर उनका मनोबल बनाएं रखें।
ये रहे मौजूद
बैठक में मेडिकल कालेज के डीन डॉ. एपीएस गहरवार ने कोरोना से बचाव उपचार एवं जांच के संबंध में जानकारी दी। बैठक में संयुक्त आयुक्त पीसी शर्मा, डॉ. संजीव शुक्ला, डॉ मनोज इंदुलकर, डॉ. आशुतोष असाटी, डॉ. सुधाकर द्विवेदी, उप संचालक सतीश निगम तथा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।