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रीवा में साइबर फ्रॉड: प्राचार्य से 31 लाख रुपए की धोखाधड़ी, जीरो इंटरेस्ट पर लोन का दिया लालच, रकम खाते में आते ही हो गई पार

Sanjay Patel
4 July 2023 1:26 PM IST
Cyber ​​fraud in Rewa
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Cyber ​​fraud in Rewa

Cyber ​​Fraud in Rewa: एमपी के रीवा में प्राचार्य के साथ धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। यह धोखाधड़ी सीएम राइज CM Rise स्कूल मनगवां के प्राचार्य के साथ की गई।

Cyber ​​Fraud in Rewa: एमपी के रीवा में प्राचार्य के साथ धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। यह धोखाधड़ी सीएम राइज CM Rise स्कूल मनगवां के प्राचार्य के साथ की गई। पुलिस का कहना है कि एचडीबी HDB बैंक ब्रांच ऑफिस ग्वालियर से प्राचार्य के पास एक अज्ञात ठग ने फोन किया। जिस पर उसने कहा कि आपको बैंक की ओर से जीरो इंटरेस्ट रेट पर लोन का ऑफर दिया जा रहा है। ठग ने प्राचार्य को अपने झांसे में लेते हुए कहा कि कुछ दस्तावेज आपके वॉट्सएप पर भेजे जा रहे हैं जिनको वह खोलकर अच्छी तरह से अवलोकन कर लें। प्राचार्य ने जब दस्तावेज देखे तो सही निकले। इसके बाद ठग ने HBD-APK नामक एप भेजते हुए कहा कि एप को डाउनलोड कर जानकारी भर दें। जिसके बाद प्राचार्य ने फार्म भर दिया।

शिकायत लेकर पहुंचे पुलिस के पास

घटना के संबंध में समान थाना प्रभारी निरीक्षक जेपी पटेल के मुताबिक कैलाशचन्द्र अवधिया पुत्र स्व. लक्ष्मीचन्द्र अवधिया 49 वर्ष निवासी मानस नगर शांति नर्सिंग होम के पास बरा द्वारा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई गई है। 2 जुलाई को वह अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (सीएम राइज) स्कूल मनगवां में वह प्राचार्य पद पर पदस्थ हैं। उनका खाता भारतीय स्टेट बैंक पीवीवी शाखा रीवा (सतनाम होटल के ऊपर) है। उनके मोबाइल पर 20 अप्रैल को अज्ञात शख्स ने फोन किया। जिसने अपना परिचय देते हुए कहा कि वह HDB Bank ग्वालियर से संजय शुक्ला बोल रहा हूं। आपके वॉट्सऐप में कुछ दस्तावेज भेज दिए गए हैं। जिन्हें आप पढ़ लीजिए। अज्ञात युवक द्वारा यह भी कहा गया कि पॉलिसी अगेंस्ट लोन (PDL) आपको 20 लाख रुपए मिल सकते हैं। लोन की ब्याज दर जीरो प्रतिशत रहेगी। जिसके बाद उसने वाट्सएप में कुछ दस्तावेज भेजते हुए कहा कि इसमें जीरो प्रतिशत पर लोन के बारे में लिखा था। जिसके बाद वह अज्ञात शख्स के झांसे में आ गए।

प्राचार्य ने भेज दिए दस्तावेज

फोन करने वाले युवक के झांसे में आकर प्राचार्य ने अपने दस्तावेज उसके वाट्सएप में भेज दिये। जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, नामिनी का आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट 6 माह, 3 माह की सैलरी स्लिप, फार्म-16 और फोटोग्राफ शामिल थे। प्राचार्य के मुताबिक उनके पास दूसरे नंबर से 28 अप्रैल को फोन आया। जिसमें फोन करने वाले ने अपना नाम विमल भटनागर बताते हुए कहा कि फोन का वेरिफिकेशन करेंगे। इसके कुछ दिनों बाद प्राचार्य के वाट्सएप में HBD-APK एप की लिंक आई। जिसके बाद उन्होंने एप को मोबाइल पर इंस्टाल किया। इसके बाद एप में मांगी गई समस्त जानकारियां दर्ज कीं।

दो लोन हुए स्वीकृत

प्राचार्य ने जब एप इंस्टॉल करने के बाद फॉर्म में समस्त जानकारियां दर्ज की तो 8 मई 2023 को बजाज फाइनेंस लिमिटेड रीवा उर्रहट से व्यक्तिगत लोन मंजूर हो गया। इस लोन की राशि 9 लाख रुपए थी। जिसके बाद 8 लाख 67 हजार 700 रुपए प्राचार्य के खाते में आ गए। प्राचार्य के मुताबिक उसी दिन किसी कैलाश धाकड़ नाम के व्यक्ति के एचडीएफसी बैंक मनासा नीमच के खाते में राशि ट्रांसफर हो गई। उनका दूसरा लोन 9 मई को स्वीकृत हुआ। HDFC बैंक से प्राचार्य के SBI खाते में 15 लाख 29 हजार 893 रुपए पहुंची।

दूसरी रकम भी हो गई पार

प्राचार्य के मुताबिक दूसरा लोन स्वीकृत होने के बाद उनके खाते में राशि 9 मई को आई। उसी दिन कैलाश धाकड़ ने अपने खाते में 10 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। जबकि बृजेश कुमार उमरे निवासी अमानगंज जिला पन्ना के खाते में 10 मई को 5 लाख रुपए ट्रांसफर हुई। इसी तरह 27 मई को खाते में पूर्व से जमा राशि 5.22 लाख रुपए की रकम कैलाश धाकड़ के खाते में ट्रांसफर हुई। उनके खाते की शेष रकम 2 लाख रुपए बृजेश कुमार उमरे के खाते में 31 मई को ट्रांसफर हो गई।

धोखाधड़ी की ऐसे हुई जानकारी

मनगवां सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य को धोखाधड़ी का पता तब चला जब उनके खाते से किस्त के रूप में राशि कटी। प्राचार्य के खाते से पहली किस्त 22 हजार 445 रुपए बजाज फाइनेंस और दूसरी किस्त 41 हजार 146 रुपए एचडीएफसी बैंक की 5 जून और 7 जून को कटी। जिसके बाद उन्हें एहसास हो गया कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं। किस्त कटने के बाद वह सीधे बैंक जा पहुंचे। जिस पर बैंक अफसरों ने जानकारी दी कि उनके द्वारा दो लोन लिए गए हैं। जबकि उन्होंने किसी प्रकार का लोन लिया ही नहीं था। यहां तक कि वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ था। दोनों लोन फर्जी तरीके से जारी हो गए।

साइबर फ्रॉड से इस तरह बचें

आए दिन साइबर फ्रॉड की घटनाएं सामने आती रहती हैं। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को जागरुक रहना होगा। बैंक सूत्रों के मुताबिक किसी को भी अपना ओटीपी शेयर न करें। डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी को न दें। जिस एप्लिकेशन के बारे में आप नहीं जानते उसे बिल्कुल भी डाउनलोड न करें। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर किसी के भी झांसे में न आएं। अनजान लिंक को क्लिक न करें। ऑनलाइन पैसे शेयर न करें।

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