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रीवा जिले के कटरा जंगल में मिला शावक, ग्रामीणों ने पकड़़ा, कर रहे देखरेख!
रीवा जिले के त्योंथर क्षेत्र अंतर्गत कटरा वन बीट में गांव के लोगों ने एक शावक पकड़ा है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह जंगली जानवर का बच्चा शेर है या फिर बिल्ली का बच्चा। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं क्षेत्र में फैली हुई हैं। वहीं ग्रामीणों ने शावक मिलने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी है। वन अमले द्वारा उक्त शावक की देखरेख के लिए गांव के लोगों को 15 दिन का समय दिया है। उसके बाद वन विभाग की टीम यह पुष्टि करेगी कि यह शावक शेर का है या अन्य जानवर का।
वन विभाग को ग्रामीणों ने दी जानकारी
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक त्योंथर क्षेत्र के कटरा बीट में विगत दिनों गांव के ही रहने वाले अरुण पाण्डेय को कुछ लोगों ने यह सूचना दी कि एक शावक घूम रहा है। जिसे वह अपने साथ घर लेकर पहुंच गए। पिंजरे में बंद कर वह उक्त शावक की देखभाल करने लगे। इसी बीच उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों व रेंज आफीसर को इस आशय की जानकारी दी कि उनके घर में एक शावक पल रहा है। वन विभाग की टीम कटरा कस्बे में पहुंची और पिंजरे में बंद उक्त शावक को देखा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह बच्चा किसका है। बावजूद इसके वन विभाग के अधिकारियों ने पड़ताल शुरू कर दी है।
15 दिन बाद होगी पुष्टि
ग्रामीणों की मानें तो काफी समय से कटरा कस्बे में किसी जंगली जानवर द्वारा मवेशियों का शिकार किया जा रहा था जिसकी आहट ग्रामीणों को मिल रही थी। इतना ही नहीं कई स्थानों पर मरे हुए मवेशी भी पाए गए थे जिससे इस आशय की आशंका अधिक प्रबल हो गई कि इस क्षेत्र में कोई जंगल जानवर विचरण कर रहा है। जिसके चलते लगातार मवेशी हमले का शिकार हो रहे हैं। पाए गए शावक के बारे में वन विभाग का अमला जांच पड़ताल में जुटा हुआ है। वन अमले द्वारा उक्त शावक की देखरेख के लिए गांव के लोगों को 15 दिन का समय दिया है। उसके बाद वन विभाग की टीम यह पुष्टि करेगी कि यह शावक शेर का है या अन्य जानवर का। ग्रामीणों की मानें तो काफी समय से क्षेत्र में जंगली जानवरों का मूवमेंट बना हुआ है। इतना ही नहीं जंगली जानवरों द्वारा मवेशी ही नहीं बल्कि इंसानों पर हमला किया जा चुका है। जिससे गांव में पाए गए शावक के बच्चे के बाद लोग दहशतजदा हैं। वन विभाग के अधिकारी भी लगातार उक्त जंगल में नजर बनाए हुए हैं। बताया गया है कि शावक का पालन पोषण करने वाले अरुण पाण्डेय को वन विभाग पुरस्कृत भी करेगा।