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रीवा: रिश्वतखोर लिपिक को न्यायालय ने दी 4 साल के सश्रम कारावास की सजा, ₹7000 के जुर्माने से भी किया दण्डित
Rewa MP News: लोकायुक्त की विशेष अदालत ने रिश्वतखोर लिपिक को 4 साल के सश्रम कारावास और 7 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। न्यायालय के आदेश के बाद लिपिक को जेल भेज दिया गया है।
बताया गया है कि 2018 में फरियादी महेन्द्र तिवारी ने आरोपी राजकुमार वर्मा सहायक ग्रेड 3 पद परियोजना अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की थी। अपने शिकायती आवेदन में फरियादी ने कहा था कि लिपिक आंगनबाड़ी के बिल भुगतान के एवज में 2 हजार रूपए रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामले के सत्यता की जांच की गई।
जांच में शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त द्वारा लिपिक को रिश्वत लेते हुए ट्रेप कर लिया। इसके बाद 2020 में लोकायुक्त द्वारा चालान न्यायालय में पेश किया गया। दो वर्ष तक चली सुनवाई के बाद अंत में न्यायालय ने लिपिक को रिश्वत लेने का आरोपी मानते हुए सजा से दण्डित किया।
गौरतलब है कि दोषी राजकुमार वर्मा सहायक ग्रेड 3 पद परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सिरमौर को धारा 7 भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 मेंं 3 वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार के जुर्माने की सजा दी गई। इसी प्रकार 13, 1 डी एवं 13, 2 भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 में 4 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
हर विभाग की यही स्थिति
बिल भुगतान के बदले रिश्वत मांगने का चलन केवल महिला एवं बाल विकास विभाग में ही नहीं बल्कि हर विभाग में है। सामने वाले की हैसियत के हिसाब से विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत की मांग करते हैं। पूर्व में लोकायुक्त द्वारा कई रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ा भी है।