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ट्रेन से रीवा पहुंच रहा कोरोना, इन ट्रेनों का सीधे है संपर्क, कैसे संभलेंगे आने वाले दिनों में हालात : REWA NEWS
REWA NEWS: तीन महानगरों के बाद अब रीवा का भी नंबर जल्द ही लगने वाला है। भीड़ इन शहरों से भाग कर रीवा पहुंच रही है। कोरोना वायरस लेकर यात्री तेजी से इंट्री कर रहे हैं। ट्रेन और बसें बंद नहीं हुई हैं। हर दिन तीन हजार लोग आ और जा रहे हैं। इनकी ट्रेसिंग और मॉनीटरिंग भी मुश्किल है। ऐसे में यदि खुद नहीं सम्हले तो कोरोना की जद में आना तय है। उल्लेखनीय है कि साल भर पूर्व 22 मार्च 20 को पूरे देश को पहली बार लॉक डाउन किया गया जो जून तक चलता रहा। मप्र में कोरोना दोबारा तेजी से फैल रहा है। संक्रमितों की संया बढ़ गई है। सरकार को तीन महानगरों में रविवार को लॉकडाउन लगा दिया।
रविवार को जबलपुर, इंदौर और भोपाल (Jabalpur, Indore and Bhopal) पूरी तरह से बंद रहे। यहां संक्रमण उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है। अब ऐसे में रीवा को भी सेफ नहीं कहा जा सकता। रीवा इन तीनों महानगरों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। ट्रेन और बसों से हर दिन हजारों लोग यहां पहुंच रहे हैं। इनमें से कई संक्रमण भी लेकर आते होंगे। इन्हें ट्रेन करना भी मुश्किल है। ऐसे में यदि लोगों ने सतर्कता नहीं बरती तो रीवा के हालात बिगडऩा और यहां भी लॉकडाउन लगना तय है। फिलहाल लॉकडाउन जैसी स्थिति न बने और संक्रमण को पहले ही रोक लें, इसके लिए प्रशासन सत कदम उठाने वाला है। इसकी शुरुआत कर दी गई है। मास्क न लगाने वालों पर धड़ाधड़ पेनाल्टी लगाई जा रही है। पुलिस, प्रशासन और नगर निगम का अमला मैदान में उतर गया है। अब सिर्फ सती ही इस संक्रमण को फैसलने से रोक सकती है।
इन ट्रेनों का सीधे है संपर्क
जबलपुर, भोपाल और इंदौर शहर सबसे अधिक संक्रमित हैं। यहां कोरोना संक्रमित मरीज तेजी से बढ़े हैं। यहां रविवार को लॉकडाउन रखा गया। इन शहरों से रीवा का सीधा संपर्क है। यहां से बसों के अलावा ट्रेनें भी आजा रही हैं। भोपाल से रेवांचल एसप्रेस आ रह है। यह ट्रेन हर दिन पूरी तरह से फुल आती और जारी है। यही हाल जबलपुर इंटरसिटी का है। इंदौर भी जाने वाले एसप्रेस ट्रेन संक्रमण लेकर ही आ रही हैं। इन ट्रेनों से हर दिन करीब 3 हजार यात्री रीवा पहुंच रहे हैं। इनमें से यदि 50 भी यहां पहुंचे तो हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रोकटोक तक नहीं
संक्रमित शहरों से आने वाले यात्रियों की भीड़ रविवार को भी उतरी। एक तरफ इंदौर, जबलपुर और भोपाल में लॉकडाउन लगा रहा। वहीं दूसरी तरफ इन शहरों से भीड़ आती रही। इन यात्रियों को लेकर रेलवे प्रबंधन भी लापरवाह दिखा। किसी यात्री को इंट्री और एग्जिट गेट पर मास्क के लिए टोका तक नहीं गया।
बाहर से आने वालों पर रखें नजर
संक्रमित शहरों से आने वाले लोगों पर आसपास के लोग ही नजर रखें। यह प्रशासन और शासन की जिमेदारी नहीं है। लोगों को भी इनसे अलर्ट रहना होगा। साथ ही ऐसे लोगों को घरों में ही 10 दिनों तक रोक रखने की कोशिश करनी होगी। खासकर महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को होम वारेंटाइन की सलाह देनी होगी। इस बात को लेकर आम जनता को भी समझना होगा।
डेढ़ लाख की लगा चुके पेनाल्टी
प्रशासन, पुलिस और नगर निगम लगातार मास्क न पहने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर रही है। नगर निगम ने एक महीने में करीब 1 लाख 43 हजार रुपए का चालान काटा है। वहीं पुलिस ने 15 हजार रुपए की चालानी कार्रवाई कर रही है। मामले बढऩे पर अब पूरा पुलिस और प्रशासन चालानी कार्रवाई में तेजी लाएगा। अचानक बाजार, दुकानों में दबिश दी जाएगी। इसमें अधिकारी, कर्मचारी भी शामिल होंगे। दुकानों में पहुंच कर मास्क और कोरोना संक्रमण की रोकथाम की व्यवस्थाएं देखी जाएंगी। यदि व्यवस्थाएं नहीं मिली तो पेनाल्टी तय है।