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MP में 4 घंटे के अंदर बिजली बहाली न होने पर उपभोक्ताओं को मिलेगा मुआवजा, प्रतिदिन 100 रुपए देगी MPEB
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPEB) ने उपभोक्ताओं के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए नए मुआवजा नियम लागू किए हैं। इन नियमों के अनुसार, यदि बिजली आपूर्ति किसी कारणवश बाधित होती है और समय पर बहाल नहीं होती, तो उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में 4 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे के भीतर बिजली की आपूर्ति बहाल न होने पर, उपभोक्ता को प्रतिदिन 100 रुपए का मुआवजा मिलेगा। यह निर्णय उपभोक्ताओं की शिकायतों और बिजली आपूर्ति में सुधार के उद्देश्य से लिया गया है।
बिजली संबंधित शिकायतों पर मुआवजा की नई व्यवस्था
- बिल वितरण में देरी: समय पर बिजली बिल न मिलने पर उपभोक्ता हर्जाना मांग सकते हैं।
- मीटर और ट्रांसफार्मर की खराबी: यदि मीटर या ट्रांसफार्मर में खराबी होती है और इसे तय समय सीमा में ठीक नहीं किया जाता, तो उपभोक्ता मुआवजा पा सकते हैं।
- प्राकृतिक आपदाएं और मानसून सीजन: मानसून के दौरान या प्राकृतिक आपदा के समय बिजली आपूर्ति में देरी होने पर कर्मचारियों को कुछ समय की मोहलत दी गई है।
24 घंटे में ट्रांसफार्मर बदलने का नियम
कंपनी के नए नियमों के तहत शहरी क्षेत्रों में फेल हुए ट्रांसफार्मर को 24 घंटे के भीतर बदलना होगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 72 घंटे और मानसून सीजन (जुलाई से सितंबर) के दौरान एक सप्ताह में ट्रांसफार्मर बदला जाना आवश्यक होगा। यदि यह समय सीमा पार होती है, तो प्रभावित उपभोक्ता मुआवजे के पात्र होंगे। प्रत्येक उपभोक्ता को प्रति दिन 10 रुपए की दर से मुआवजा दिया जाएगा।
स्टाफ की कमी
बिजली वितरण कंपनी के सामने स्टाफ की कमी एक बड़ी चुनौती है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विद्युत लाइनों और उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि कंपनी के लाइनमैन और कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है। कई क्षेत्रों में एक लाइनमैन 30 से 40 गांवों की बिजली आपूर्ति का भार संभाल रहा है। कई जगहों पर आउटसोर्स कर्मचारियों पर निर्भरता बढ़ रही है, जिससे कंपनी को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी के अधिकारियों का मानना है कि स्टाफ की इस कमी के कारण बिजली आपूर्ति बहाली में देरी हो सकती है, लेकिन नए मुआवजा नियमों के तहत उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास किया जाएगा।