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सुरंग का निर्माण हुआ पूरा, अब विंध्य की प्यासी धरती को मिलेगा पानी, 65000 हेक्टेयर जमीन की होगी सिंचाई
Rewa Chuhiya Ghati Water Tunnel News: बाणसागर बांध में अथाह जल भरा हुआ है। इसके बाद भी विंध्य की धारा का काफी कुछ ऐसा आज भी पानी के लिए तरस रहा है। जिन खेतों तक पानी नहीं पहुंचा है वहां आज भी मोटे अनाजों के अलावा भरपूर उत्पादन नहीं हो रहा है किसान परेशान है। लेकिन अब यह दिन दूर होने वाले हैं। मुश्किल से 1 महीने के अंदर नहरों में पानी दौड़ना शुरू हो जाएगा। किसानों के खेत लैला उठेंगे। क्योंकि बाणसागर बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के तहत बहुत ही नहर परियोजना के सबसे अहम लघु सुरंग बनाने का काम पूर्णता की ओर है।
टनल का काम हुआ पूरा
जानकारी के अनुसार बहुती नहर परियोजना में पानी पहुंचाने के लिए छुहिया घाटी गोविंदगढ़ में बनाई जा रही जल सुरंग के निर्माण का कार्य शनिवार को पूरा हो गया। ऐसे में माना जा रहा है कि 1 महीने के अंदर नहर में पानी छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि नए वर्ष के शुरुआत के साथ ही किसानों के खेत में पानी पहुंचेगा।
लाभान्वित होगा रीवा और सतना जिला
इस महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना के माध्यम से रीवा और सतना जिले के कई तहसीलों के किसानों को पानी मिलेगा। जानकारी के अनुसार रीवा की 5 तहसीलों को तथा सतना की 2 तहसीलों में पानी जाएगा। इससे करीब 65000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। सीधे तौर पर देखा जाए तो 3 लाख से अधिक किसान अपने खेतों की सिंचाई कर पाएंगे।
1.5 लाख एकड़ में पहुंच रहा पानी
बाणसागर बांध के माध्यम से सोन नदी का पानी रीवा जिले के करीबन 1.5 लाख एकड़ खेत में पहुंच रहा है। अभी भी 3.87 लाख एकड़ खेतों में पानी पहुंचना बाकी है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हर स्तर पर केंद्र सरकार की मदद लेते हुए कार्य कर रही है।
रीवा जिले की नईगढ़ी और मऊगंज तहसील के क्षेत्रों में बाणसागर का पानी नहीं पहुंच रहा है। त्योथर और बहुती नहर का निर्माण किया जा रहा है।
कठिन कार्य हुआ पूरा
इस परियोजना में सुरंग का निर्माण बहुत कठिन था। क्योंकि छुहिया घाटी का पहाड़ हार्ड रॉक और मिट्टी का बना हुआ है। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अत्याधुनिक बूमर मशीन का उपयोग कर सुरक्षित तरीके से सुरंग का निर्माण किया गया। सुरंग के साथ 90 से ज्यादा नहर बनाने का कार्य पूरा हो चुका है। जल्दी ही शेष बचा कार्य पूर्ण कर नए वर्ष के शुरुआती समय में किसानों के खेत तक पानी पहुंचा दिया जाएगा।