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रीवा में महिला राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का मामला: वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी निलंबित, उप संचालक को बचाने का प्रयास
रीवा। कृषि विभाग में पदस्थ महिला राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने एवं कार्य क्षेत्र में परेशान करने की योजना बनाने वाले वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के आयुक्त सह संचालक ने 20 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिया है। यह कार्रवाई महिला अधिकारी की शिकायत पर की गई जांच के आधार पर की गई है। वहीं इस मामले में उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग रीवा यूपी बागरी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
महिला राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का ऑडियो
ज्ञात हो कि गत माह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी दिवाकर सिंह एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग रीवा उद्र प्रसाद बागरी का एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें दोनों अधिकारी अपने ही कार्यालय पदस्थ सहायक संचालक प्रीति द्विवेदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते सुने गये थे। ऑडियो में दोनों अधिकारी महिला अधिकारी को कार्य क्षेत्र में प्रताड़ित करने की योजना भी बना रहे थे। ऐसे में इस मामले की शिकायत महिला राजपत्रित अधिकारी ने आयुक्त सह संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास से किया था। जिसके बाद जांच संयुक्त संचालक रीवा संभाग को सौंपा गया था।
नियमानुसार मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता
आयुक्त सह संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी दिवाकर सिंह के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर संयुक्त संचालक रीवा से जांच कराई गई थी। 17 अक्टूबर 2023 को जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ जिसमें श्री सिंह का कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 का उलंघन श्रेणी में हैं। ऐसे में दिवाकर सिंह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में श्री सिंह का मुख्यालय कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला पन्ना निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में श्री सिंह को शासन के नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
उप संचालक की थी मुख्य भूमिका
इधर इस पूरे मामले में मुख्य भूमिका उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उद्र प्रसाद बागरी की रही है। महिला अधिकारी ने अपने लिखित शिकायत में उनका भी नाम लिखा था ऑडियो में भी उनकी आवाज स्पष्ट सुनाई देने का दावा किया गया है। बावजूद इसके संयुक्त संचालक की जांच में केवल दिवाकर सिंह को दोषी साबित किया गया है। जबकि उद्र प्रसाद बागरी को छोड़ दिया गया है। ऐसे में उक्त जांच भी सवालों के घेरे में है।
महिला थाना में दर्ज है FI
महिला अधिकारी ने मामले की शिकायत विभागीय अधिकारियों के अलावा पुलिस से भी किया था करीब 15 दिन पहले वे रीवा के महिला थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने उप संचालक यूपी बागरी एवं कृषि विस्तार अधिकारी दिवाकर सिंह के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर भी दर्ज किया है।