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MP की सबसे लंबी सड़क सुरंग के अंदर बल्कर में आग: सीधी से रीवा की तरफ जा रहा था वाहन, आग लगने के बाद धुआं पूरे मोहनिया टनल में फैल गया
सीधी और रीवा को जोड़ने वाली मध्य प्रदेश की सबसे लंबी मोहनिया टनल में गुरुवार दोपहर एक बड़े हादसे से बचा गया। सीधी से रीवा की ओर जा रहे एक बल्कर वाहन के टायर में अचानक चिंगारी निकलने से आग लग गई। आग लगते ही पूरे टनल में धुआं फैल गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। घटना के समय टनल में मौजूद वाहन रुक गए और यात्री टनल के किनारे पर खड़े होकर सुरक्षा की प्रतीक्षा करने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बल्कर के टायर में घर्षण के कारण चिंगारी निकली, जिसने कुछ ही मिनटों में आग का रूप ले लिया। धीरे-धीरे आग ने पूरे वाहन को घेर लिया और टनल में धुआं भर गया, जिससे यात्रियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। धुएं की मात्रा इतनी अधिक थी कि टनल के बाहर सौ मीटर तक दृश्यता प्रभावित हो गई थी।
फायर ब्रिगेड की टीम को घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर बुलाया गया। लगभग 15 मिनट में फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई और आग बुझाने का काम शुरू किया। हालांकि, टनल में भारी धुआं होने के कारण दमकलकर्मियों को भी अंदर काम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन, लगभग आधे घंटे की मेहनत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।
मोहनिया चौकी प्रभारी सुनील पांडे के अनुसार, आग की शुरुआत बल्कर के टायर से हुई, जिससे वाहन अनियंत्रित होकर टनल की दीवार से टकरा गया। हालांकि, इस घटना में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। फायर ब्रिगेड की तत्परता के कारण आग जल्दी बुझा दी गई।
डीएसपी हिमाली पाठक ने बताया कि टनल में सुरक्षा के सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं, जिससे बड़ी दुर्घटना से बचा जा सका। हादसे के बाद टनल की सुरक्षा व्यवस्था और दमकल की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की जा रही है। अब घटना की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे से बचा जा सके।
ऐसा है मोहनिया टनल का सिक्योरिटी सिस्टम
कंट्रोल रूम: सुरंग की निगरानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कर रहा है। सीधी और रीवा में दो छोर में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। जहां से लगातार सुरक्षा व्यवस्था और सुरंग के अंदर अन्य व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जाती है।
कैमरे और अनाउंसमेंट सिस्टम: सुरंग के अंदर फायर फाइटिंग सिस्टम, सर्विलांस कैमरा के माध्यम से टनल के अंदर की गैस को बाहर निकालने का सिस्टम भी लगाया गया है। अंदर की गैस बाहर करने के लिए 46 एग्जॉस्ट फैन लगाए गए हैं। वहीं, 50 मीटर में हाई मास्क लाइट्स, 100 कैमरा और 100 पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम लगे हैं।
सुरंग में 6 कट्स: सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सुरंग के भीतर 6 कट्स दिए गए हैं। ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना मालूम होने पर यू टर्न कर व्यक्ति वापस लौट सके। सुरंग में ये कट्स दोनों ओर दिए गए हैं।
सायरन सिस्टम: सुरंग के भीतर सायरन सिस्टम भी है। आग लगने या फिर जोरदार टक्कर की स्थिति में अपने-आप सायरन बजने लगता है, जिससे सुरंग की निगरानी में लगे एनएचएआई के अधिकारी और चौकी में मौजूद पुलिस बल तत्काल अलर्ट सकता है।
फायर ब्रिगेड: सुरंग की निगरानी के लिए एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी हमेशा तैनात रहती है, जिससे आग लगने की स्थिति में 5 से 10 मिनट के भीतर ही दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंच जाती है। सुरंग की लम्बाई काफी ज्यादा है। बड़ी दुर्घटना की स्थिति में लोग फंसे ना रह जाए। इसे देखते हुए एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी की तैनाती भी मौके पर की गई है।