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Black Fungus / ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दूसरे राज्यों से भी रीवा के SGMH आ रहें मरीज, नॉन कोविड भी हो रहें शिकार
सर्वाधिक 22 मरीज रीवा के, Black Fungus के चलते अब तक 8 की मौत
Black Fungus Treatment in Rewa / रीवा. ब्लैक फंगस (Black Fungus) का प्रभाव न केवल रीवा जिले में अपितु पूरे रीवा संभाग में है. संभाग भर से मरीज संजय गांधी अस्पताल (SGMH) उपचार (Treatment) कराने पहुच रहे हैं. इसके अलावा अनूपपुर जिला, देवास जिला के अलावा पड़ेासी राज्य उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के भी मरीज उपचार कराने यहां आ रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के बाद अब ब्लैक फंगस ने तेजी से अपना प्रभाव जमा रहा है. यह नॉन कोविड मरीजों, पोस्ट कोविड मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है अपितु नॉन कोविड मरीजों पर भी ब्लैक फंगस अपना प्रभाव डाल रहा है. प्रतिदिन बढ़ रहे मरीजों के चलते इसके लिए सुपर स्पेशलिटी में बनाये गए वार्ड को अब संजय गाँधी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. जहां उनका उपचार किया जा रहा है.
इससे प्रभावित मरीजों में कुछ के नाक से ब्लैक टिश्यू आपरेशन करके निकाले जा रहे हैं तो किसी की आंख तक निकालनी पड़ रही है. इतना ही नहीं इसका प्रभाव, नाक, मुह, गला, ब्रेन और अब हार्ट में देखने को मिल रहा है. इसका अटैक जानलेबा साबित हो रहा है. कई मरीजों की ब्लैक फंगस ने जान तक ले ली है.
अब तक 8 की मौत
ब्लैक फंगस से शिकार हो चुके लोगों में 8 लोगों ने अब तक जान गवां दी है. सभी की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है. चिकित्सकों की मानें तो ब्रेन और हार्ट पर अटैक वाले मरीजों को बचा पाना मुश्किल हो जाता है. वहीं कई मरीजों की आँख तक निकालनी पड़ी, जिन मरीजों के आँख में फंगस पहुँच जाता है उसकी आँख निकालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो मरीज और गंभीर स्थिति पर पहुँच सकते थें.
अभी 33 इलाजरत
अभी संजय गाँधी अस्पताल (SGMH) में 33 लोग भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है. रोजाना नए मरीज सामने आ रहें हैं. भर्ती मरीजों में 27 को वार्ड में एवं 6 को गंभीर स्थिति में होने की वजह से ICU में रखा गया है. इन सभी का उपचार जारी है. इनमें से सबसे अधिक लोग रीवा के हैं. रीवा के 22 मरीजों का इलाज SGMH में चल रहा है.
पड़ोसी राज्य के लोग भी आ रहें
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए डॉ. नरेश बजाज ने बताया कि SGMH में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले से मरीज आया है. इसके साथ ही देवास, अनूपपुर जैसे जिलों से भी लोग उपचार के लिए आ रहें हैं. हम बेहतर इलाज की कोशिश कर रहें हैं.