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रीवा में ब्लैक फंगस हुआ खतरनाक, महिला का ब्रेन कर दिया डेड फिर कुछ देर में हो गई मौत

रीवा में ब्लैक फंगस हुआ खतरनाक, महिला का ब्रेन कर दिया डेड फिर कुछ देर में हो गई मौत
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रीवा में ब्लैक फंगस हुआ खतरनाक, महिला का ब्रेन कर दिया डेड फिर कुछ देर में हो गई मौत ..रीवा : गुरुवार को ब्लैक फंगस ने एक और जान ले ली। महिला कोरोना संक्रमित थी। इलाज के दौरान ही ब्लैक फंगस ने हमला किया। दिमाग को ब्रेन डेड कर दिया। महिला ने दम तोड़ दिया। ब्लैक फंगस से मरने वालों की संया अब 4 हो गई है। ज्ञात हो कि कोरोना की दवाइयों और इलाज का साइड इफेक्ट सामने आने लगा है।

रीवा में ब्लैक फंगस हुआ खतरनाक, महिला का ब्रेन कर दिया डेड फिर कुछ देर में हो गई मौत

रीवा : गुरुवार को ब्लैक फंगस ने एक और जान ले ली। महिला कोरोना संक्रमित थी। इलाज के दौरान ही ब्लैक फंगस ने हमला किया। दिमाग को ब्रेन डेड कर दिया। महिला ने दम तोड़ दिया। ब्लैक फंगस से मरने वालों की संख्या अब 4 हो गई है। ज्ञात हो कि कोरोना की दवाइयों और इलाज का साइड इफेक्ट सामने आने लगा है।

कोरोना से उबरने वाले मरीज अब ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। लगातार मामले सामने आ रहे हैं। एसजीएमएच में अब तक 21 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से चार दम तोड़ चुके हैं। इसके अलावा तीन बाहर रेफर हो गए हैं। शेष 14 मरीज बचे हैं। इनका इलाज जारी है। हर दिन दो से तीन मरीज नए मिल रहे हैं। गुरुवार को भी एसजीएमएच के कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों में से तीन में संक्रमण मिला। इनमें से एक महिला ने दम तोड़ दिया। शेष को स्पशेल वार्ड में शिफ्ट कराया गया।

सीधी की थी महिला

ब्लैक फंगस से एसजीएमएच में चौथी मौत गुरुवार को हुई। महिला प्रभा त्रिपाठी पति राजेन्द्र त्रिपाठी उम्र 52 वर्ष, सीधी जिला के चोरगढ़ी थाना रामपुर नैकिन की थी। महिला सेकंड फ्लोर के आईसीयू (ICU) में भर्ती थी। इनका इलाज चल ही रहा था। हालात खराब थी। जांच में ब्लैक फंगस पाया गया था। इसके पहले चिकित्सक बचा पाते, महिला ने दम तोड़ दिया। महिला के दिमाग तक फंगस पहुंच गया था।

आधी कर दी गई डोज

संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) में शासन से 100 बॉयल ही इफोटेरेसिन बी के पहुंचे थे। अब अस्पताल में सिर्फ 48 ही बचे हैं। मरीजों को एक दिन में 12 डोज लगाए जाने थे। अस्पताल में दवाइयां कम है। ऐसे में डॉक्टरों ने डोज भी आधा कर दिया है। अब मरीजों को एक दिन में सिर्फ 6 बॉयल ही लगेंगे। कुछ मरीजों को पांच बॉयल दिए जा रहे हैं। सरकार दवाइयां पहुंचाने में फेल हो गई और अब कम स्टॉक में डॉक्टर भी मरीजों को बचाने में लगे हुए हैं।

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