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रीवा में अनाज परिवहन पर बड़ा घोटाला, नॉन ने किए 10 करोड़ का भुगतान, अब शुरू हुई कार्रवाई
रीवा। नागारिक आपूर्ति विभाग रीवा में आनाज परिवहन के दौरान बड़ा घोटाल किए जाने का मामला आते ही अधिकारियों ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इस घोटाले के खेल में शामिल एक कर्मचारी की सेवा सामाप्त कर दी गइ्र्र है तो वही तत्कालीन प्रबंधक पर भी घोटाले की गाज गिर सकती है।
जानकारी के तहत नागरिक आपूर्ति निगम और विपणन अधिकारियों ने वर्ष 2019-20 और 2020-21 में गेहूं-धान का जो परिवहन में भुगतान किया है। उसमें कंम दूरी में ज्यादा भुगतान करके शासन को 10 करोड़ से ज्यादा की छति पहुचाई है, चर्चा है कि इस घोटले की परते काफी गहरी है और पूरी तरह से जांच हुई तो 50 करोड़ से उपर का घोटाला हो सकता है।
पूजा की सेवा हुई सामाप्त
खबर है कि परिवहन घोटाले में नाम आने के बाद आउट सोर्स कर्मचारी पूजा शुक्ला की सेवा सामाप्त कर दी गई है। बताया जाता है कि रीवा प्रभारी रहे जिला प्रबंधक संजय सिंह ने आउट सोर्स कर्मचारी पूजा शुक्ला सहित अन्य जिम्मेदारों के साथ मिलकर परिवहन की दूरी में हेरा-फेरी करके लम्बा भुगतान करते रहे है।
यह मामला सामने आते ही पूर्व कलेक्टर ने एडीएम के नेतृत्व में एक टीक का गठन करके जांच करवाई गई है। जंहा तत्कालीन रीवा कलेक्टर की जांच में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता पाई गई।
कम दूरी में होता था ज्यादा का भुगतान
इस घोटाले को लेकर जो जांच रिर्पोट शासन को सौपी गई है। उसके तहत कंम दूरी मे ज्यादा का भुगतान किया गया है। रिर्पोट के तहत मउगंज सेक्टर के गंगा विपरण सहकारी समिति नईगढ़ी से घूमा कैंप की वास्तविक दूरी 22 किलोमीटर थी। लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम और विपणन अधिकारियों ने 45 किलोमीटर दूरी दर्ज की, यानि की 23 किलोमीटर ज्यादा का परिवहनकर्ता को भुगतान कर दिया। वर्ष 2021 की बात करें तो 16174 किलोमीटर परिवहनकर्ता ने समितियों से गेहूं और धान का उठाव कर कैंप में रखा। जबकि नॉन के जिम्मेदारों ने 28897 किलोमीटर का भुगतान कर दिया।